भोपाल : MP के भोपाल में इंजीनियरों का एक ग्रुप बिना ड्राइवर के चलने वाली कारों पर काम कर रहा है। ये सब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से करने की कोशिश की जा रही है। आईआईटी-रुड़की से इंजीनियरिंग ग्रेजुएट संजीव शर्मा का दावा है कि वह पिछले नौ साल से इस तकनीक पर काम कर रहे हैं और अब इसका ट्रायल चल रहा है।
संजीव शर्मा का दावा है कि वे जो तकनीक विकसित कर रहे हैं उससे बिना ड्राइवरों की कार और सुरक्षित हो जाएंगी। संजीव शर्मा का कहना है कि जब वे कॉलेज में थे तब उन्होंने बिना ड्राइवर की कार का सपना देखा था। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले सालों में उनकी कोशिशें कामयाब हो जाएंगी।
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संजीव शर्मा बताते है उन्हें शुरू से ही रोबोटिक्स का शौक था. इंजीनियरिंग के अपने दूसरे सेमेस्टर के दौरान उन्हें रोबोटिक्स के साथ प्रयोग करने का अवसर मिला और उन्होंने इस विषय में आवश्यक ज्ञान प्राप्त करने के लिए इसमें कदम रखा।
संजीव शर्मा यह भी बताते है जनवरी 2009 में मेरी नज़र 2007 DARPA अर्बन चैलेंज के लिए टीम MIT द्वारा बनाए गए ऑटोनॉमस ड्राइविंग वीडियो पर पड़ी। एक विशेष वीडियो देखने से मेरा जीवन हमेशा के लिए बदल गया और स्वायत्त ड्राइविंग एक जीवन लक्ष्य बन गया, आईआईटी रूड़की और कनाडा के अल्बर्टा जैसे विश्वविद्यालय से पढ़ने के बाद मुझे ऑटोनॉमस कार में मुझे काम करना चाहिए।
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PTI