अम्बाला: पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कुरुक्षेत्र के पीपली में होने वाली किसान रैली में जा रहे किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर आक्रोश ज़ाहिर किया है। हुड्डा का कहना है कि लोकतंत्र में जनता की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता।
लोकतंत्र में हर किसी को अपनी आवाज़ उठाने और कहीं भी जाने का अधिकार है। वो ख़ुद शुक्रवार को पिपली कुरुक्षेत्र जाएंगे और किसान, मजदूर और आढ़तियों से मुलाक़ात करेंगे।
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अन्नदाता अपनी जायज़ मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं। कोरोना काल में किसान विरोधी 3 अध्यादेश लाकर सरकार ने ख़ुद किसान को सडक़ पर आने के लिए मजबूर किया है। बिना सदन में चर्चा और एमएसपी की गारंटी के कोई भी अध्यादेश किसानहित में नहीं हो सकता।
अगर सरकार व्यवस्था में कोई परिवर्तन करना चाहती है तो उसे मंडी और एमएसपी व्यवस्था के संरक्षण की गारंटी देनी होगी।बीजेपी को अपने वादे के मुताबिक़ लागत और स्वामीनाथन के सी2 फार्मूले पर एमएसपी देनी होगी।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कुरुक्षेत्र में हुए आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ व पूर्व मंत्री अरोड़ा और विधायक मेवासिंह के साथ सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ गिरफ्तारी भी दी।
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किसानों के हर आंदोलन और संघर्ष में कांग्रेस उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। किसान विरोधी 3 अध्यादेशों को तब तक लागू नहीं होने दिया जाएगा, जब तक इसमें एमएसपी की गारंटी शामिल ना हो।
इसके लिए बेशक सरकार को चौथा अध्यादेश लाना पड़े, जिसमें प्रावधान हो कि एमएसपी से कम रेट पर खऱीदने वाली एजेंसी पर क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो सडक़ से लेकर विधानसभा और संसद तक इन अध्यादेशों का विरोध जारी रहेगा।