Bihar: 26 फरवरी से 1 मार्च और 6 मार्च 2024 तक, बिहार (Bihar) सक्षमता परीक्षा राज्य भर में कई परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई। परीक्षा में बहुत से अभ्यर्थी ने डुप्लीकेट कागजात का उपयोग करके आवेदन किए। पूरे दिन ऐसे 420 से अधिक लोगों को चिन्हित किया गया है। इसमें गया जिले से 49 अभ्यर्थी भी शामिल हैं। इन अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए पटना भेजा गया था, लेकिन उनमें से अधिकांश नहीं पहुंच सके। यह सभी अभ्यर्थियों ने बी-टेट, सी-टेट और एस-टेट के डुप्लीकेट सर्टिफिकेट पर सक्षमता परीक्षा दी। इसमें कई अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की गई है और अभी भी जांच प्रक्रिया जारी है।
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7 मार्च से 23 मार्च तक शिक्षकों का शारीरिक परीक्षण किया गया। लेकिन इस दौरान पूरे बिहार से लगभग 420 शिक्षक शामिल नहीं हुए। ऐसे में, शिक्षा विभाग ने इन 420 शिक्षकों को फिजिकल जांच का अंतिम अवसर दिया है। यह रोचक है कि ऐसे दर्जनों शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होने के प्रमाण पत्रों पर एक ही संख्या अंकित थी, इसलिए शिक्षा विभाग ने सोचा कि इन सभी शिक्षकों ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर समक्षता परीक्षा में भाग लिया था।
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गया जिला में डुप्लीकेट सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने वालों में सबसे अधिक नगर ब्लॉक चंदौती और मोहनपुर प्रखंड क्षेत्र के हैं। खिजरसराय प्रखण्ड में चार अभ्यर्थियों ने डुप्लीकेट कागजात पर आवेदन किया था, उनमें वजीरगंज 4, गुरारु 1, मोहनपुर 6, बेलागंज 3, इमामगंज 3, टनकुप्पा 4, बोधगया 2, नगर ब्लॉक 6, परैया 1, फतेहपुर 2, मानपुर 2, नीमचक बथानी 4, टिकारी 2, शेरघाटी 2 और कोंच शामिल हैं।
इसके अलावा, जिले के 11 शिक्षकों ने बीपीएससी द्वारा आयोजित अध्यापक नियुक्ति परीक्षा ट्रे-2 में थंब इंप्रेशन का मिलान नहीं कर सका है। इन शिक्षकों को 10 अप्रैल की शाम तक थंब इंप्रेशन कराने का आदेश दिया गया है। यदि शिक्षक निर्धारित तिथि पर थंब इंप्रेशन नहीं करते हैं, तो उनकी सेवा संदिग्ध माना जा सकता है।