ब्लैक होल(Black Hole) वास्तव में ब्रह्मांड की सबसे रहस्यमय और आकर्षक वस्तुओं में से एक है, लेकिन उनकी “अनलिमिटेड पॉवर” की भी चर्चाएं तेज हैं। ब्लैक होल वास्तव में इतनी तीव्र गुरुत्वाकर्षण शक्ति रखते हैं कि उनके घटना क्षितिज के भीतर कुछ भी बच नहीं सकता, जिसमें प्रकाश भी शामिल है। यह गुरुत्वाकर्षण आकर्षण इतना मजबूत है कि यह स्थान और समय को विकृत कर देता है, जिससे उन वस्तुओं के लिए समय और गुरुत्वाकर्षण के साथ बातचीत करने का तरीका बदल जाता है जो इसके प्रभाव में आती हैं।
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हालांकि, ब्लैक होल(Black Hole) की शक्ति सीमित है। वे ऊर्जा और पदार्थ को अवशोषित करके बढ़ते हैं, लेकिन उनकी विकास दर उनके द्रव्यमान और उनके चारों ओर के वातावरण पर निर्भर करती है। इसके अलावा, ब्लैक होल की शक्ति उनके द्रव्यमान और घूर्णन दर से निर्धारित होती है। अधिक द्रव्यमान वाले ब्लैक होल का अधिक गुरुत्वाकर्षण आकर्षण होता है, लेकिन यह आकर्षण अभी भी सीमित है यानी कि अनंत नहीं है।
एक प्रसिद्ध ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी और गणितज्ञ रोजर पेनरोज़ ने ब्लैक होल(Black Hole) के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसके लिए उन्हें भौतिकी में नोबेल पुरस्कार भी मिला है। उन्होंने ब्लैक होल के सिद्धांत और उनके गुरुत्वाकर्षण आकर्षण को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पेनरोज़ ने 1960 के दशक में ब्लैक होल के अध्ययन में अपना काम शुरू किया, जब वे स्टीफन हॉकिंग के साथ काम कर रहे थे। उन्होंने ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण आकर्षण को समझने के लिए सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत का उपयोग किया और दिखाया कि ब्लैक होल का घटना क्षितिज एक एकल बिंदु पर स्थित है, जिसे सिंगुलैरिटी कहा जाता है।
Black Hole ऊर्जा का अकूत भंडार
पेनरोज़ ने यह भी दिखाया कि ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण आकर्षण इतना मजबूत है कि यह स्थान और समय को विकृत कर देता है, जिससे उन वस्तुओं के लिए समय और गुरुत्वाकर्षण के साथ बातचीत करने का तरीका बदल जाता है जो इसके प्रभाव में आती हैं। उनके काम ने ब्लैक होल के अध्ययन में एक नए युग की शुरुआत की। उन्होंने प्रस्ताव रखा था कि एक घूमते हुए ब्लैक होल से ऊर्जा कैसे निकाली जा सकती है ? उनके अनुसार, ब्लैक होल ऊर्जा का अकूत भंडार है। उनके अनुसार, ब्लैक होल की एक्रीशन डिस्क के चारों ओर एक हार्नेस बनाकर ऊर्जा को निकाला जा सकता है। यहाँ गिरने वाले पदार्थ को प्रकाश की गति के करीब त्वरित किया जाता है, जो कई तरंगदैर्घ्य में ऊर्जा उत्सर्जित करना शुरू कर देता है।
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कई वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि उन्नत एलियन सभ्यताएँ इस तरीके (पेनरोज़ प्रक्रिया) से ऊर्जा प्राप्त करने में सक्षम हो सकती हैं। हार्वर्ड के प्रोफेसर एवी लोएब वैज्ञानिकों की उस श्रृंखला में नवीनतम नाम हैं। हाल ही में एक शोधपत्र में उन्होंने बताया है कि कैसे कोई भी उन्नत सभ्यता अपने ग्रह को अनंत काल तक ऊर्जा प्रदान करने के लिए ‘ब्लैक होल मून’ पर निर्भर रह सकती है।
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