(हर्षित मिश्रा): दिल्ली के भलस्वा डेरी में टुकड़ों में मिले शव की पहचान हो गयी। जहांगीरपुरी से पकड़े गए दो संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा हत्या कर शव के टुकड़े करने की वारदात को अंजाम दिया गया था। शव के टुकड़े कर सर कलम करके वीडियो बनाकर विदेश भेजा था। हत्या करने के लिए दो लाख रुपये देने की भी खबर है। किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रची जा रही थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नापाक साजिश को नाकाम किया।
राजधानी दिल्ली के भलस्वा डेरी थाना इलाके के श्रद्धानंद कॉलोनी के एक तालाब से शनिवार नाम टुकड़ों में शव मिलने के बाद पूरे इलाके में डर और दहशत का माहौल बना हुआ है। दरअसल गुरुवार को जहांगीरपुरी इलाके से दोस्त संदिग्ध व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था, जोकि खतरनाक आतंकी संगठन हरकत उल अंसार और खालिस्तानी आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं पकड़े गए आतंकियों की पहचान नौशाद और जगजीत सिंह के तौर पर हुई 14 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया। जहां पूछताछ के दौरान भलस्वा डेरी इलाके के एक घर का पता मिला, जहां पुलिस ने जब छापेमारी की तो उस जगह से हैंड ग्रेनेड बरामद हुए और शनिवार को उन्हीं संदिग्ध व्यक्तियों की पूछता जो निशानदेही पर श्रद्धानंद कॉलोनी के तालाब से एक व्यक्ति का शव टुकड़ों में बरामद किया गया।
स्पेशल की पूछताछ में और जांच में खुलासा हुआ कि जो व्यक्ति का नाम राजकुमार है जिसने एक धार्मिक स्थल में पत्थर फेंका था और उसे मारने के लिए इन दोनों को 2 लाख रुपये भी दिए गए सर कलम करके राजकुमार नाम के व्यक्ति की हत्या की गई और उसके बाद उसके टुकड़े किए थे। जिसका पूरा वीडियो बनाकर आरोपियों ने विदेश भेजा बता जा रहा है कि यह दोनों पकड़े गए संदिग्ध व्यक्ति भारत की राजधानी दिल्ली में किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे जिसका पूरा ब्लूप्रिंट भी तैयार हो चुका था। लेकिन उससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इन दोनों की नापाक साजिश को नाकाम कर दिया।
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फिलहाल दिल्ली पुलिस के पूछताछ लगातार जारी है और इन लोगों से पूछताछ के दौरान अभी और भी कई खुलासे होने की उम्मीद लगाई जा रही है। लेकिन गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले इतनी बड़ी वारदात और हथियार मिलना किसी बड़ी आतंकी साजिश की तरफ इशारा जरूर करता है।