Body Temperature: बदलते मौसम के कारण स्वास्थ खराब होना आम बात है। जहां शुरुआती मार्च तक ठंड का पहरा था तो वहीं अब मार्च के अंत और अप्रैल की शुरुआत के साथ ही गर्मी की भी शुरुआत भी हो चुकी है। सर्दी के कारण लोगों के मरने की ख़बरें तो लगातार सुनने में आती रहती हैं लेकिन क्या आपको पता है कि गर्मी के कारण भी लोगों की मौत हो सकती है। एक नॉर्मल इंसान कितना डिग्री तापमान सहन कर सकता है, आइए जानते हैं।
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गर्मी से बचने के लिए लोग अनेकों प्रकार के उपाय करते हैं। गर्मी के कारण कंप्यूटर या कोई अन्य उपकरणों के खराब होने के बारे में तो आपको पता ही होगा। ऐसे में ये प्रश्न उठता है कि एक नॉर्मल इंसान कितना डिग्री तापमान सहन कर सकता है और कितना डिग्री होने पर उसकी मौत हो सकती है। ये पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक शोध किया, जिसमें इंसानों के तापमान बर्दाश्त करने की क्षमता का पता चला।
उस शोध में इस बात की जानकारी मिली कि अगर कोई स्वस्थ इंसान 6 घंटे तक लगातार 35 डिग्री सेल्सियस तापमान में रहता है, जिसके साथ अगर 100 फीसदी ह्यूमिडिटी होती है तो उस इंसान की 6 घंटे में मौत हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना था कि ऐसी स्थिती में इंसान के पसीना भाप बनकर निकलता है, जिसकी वजह से हीटस्ट्रोक होता है। ऐसी स्थिती में इंसान के शरीर का अंग खराब होने लगता है और उसकी मौत हो जाती है।
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बता दें कि नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के साइंटिस्ट कोलिन रेमंड का कहना है कि इंसानों के सहने की क्षमता अधिक नहीं है। हालांकि हर इंसानों के सहने की क्षमता अलग-अलग होती है लेकिन एक नॉर्मल इंसान की 35 डिग्री सेल्सियस में मौत हो जाती है। इस तापमान को वेट बल्ब टेंपरेचर कहते हैं। उन्होंने ये भी बताया कि 35 डिग्री सेल्सियस तापमान और 100 फीसदी ह्यूमिडिटी वाली कंडिशन अभी तक विश्व में कहीं भी 2 घंटे से ज्यादा नहीं हुई है। अगर ऐसी स्थिती होती है तो काफी दिक्कत हो सकती है और सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों और बुजुर्गों को हो सकती है।