UNSC: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council-UNSC) को वैश्विक सुरक्षा प्रबंधन का सबसे बड़ा मंच कहा जाता है। सुरक्षा परिषद पर विश्व में शांति-व्यवस्था को बनाए रखने और सामूहिक सुरक्षा के सिद्धांत का अनुपालन सुनिश्चित कराने का उत्तरदायित्व रहता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC में फिलहाल अमेरिका, फ्रांस, रूस, चीन और यूके स्थायी सदस्य हैं लेकिन भारत अभी भी अस्थाई सदस्य है। भारत को UNSC का स्थाई सदस्यता मिलेगी या नहीं इसकी चर्चा लंबे समय से चल रही है। अब इसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत को UNSC का स्थाई सदस्यता अवश्य मिलेगी लेकिन उसके लिए कुछ शर्तों का पालन करना होगा, वो शर्त क्या हैं, आइए जानते हैं…
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दरअसल, लंबे समय से चले आ रहे भ्रम को दूर करने के मकसद से गुजरात के राजकोट में उपस्थित विदेश मंत्री एस जयशंकर से पूछा गया कि क्या भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता मिलेगी ? इसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जरुर मिलेगी लेकिन उसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि फिलहाल जो देश (अमेरिका, फ्रांस, रूस, चीन और यूके) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य हैं उन्होंने स्थाई सदस्य बनने का फैसला तब लिया जब संयुक्त राष्ट्र का गठन हुआ था यानी कि लगभग 80 साल पहले। उन्होंने ये भी कहा कि उस समय कुछ और बात थी क्योंकि उस समय केवल 50 देश स्वतंत्र थे लेकिन अभी 193 देश स्वतंत्र हो गए हैं। इस बीच भारत को UNSC का स्थाई स्दस्य बनाने की बढ़ती मांग के बीच ये जरुरी है कि कड़ी मेहनत की जाए क्योंकि बिना मेहनत ये कभी संभव नहीं हो सकता है।
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उन्होंने इस बात की जानकारी भी दी कि भारत, जापान, जर्मनी और मिस्र ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र के सामने एक प्रस्ताव रखा है, जिससी वजह से इस मामले को आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि भारत ही संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य बनाने के लिए सबको संयुक्त राष्ट्र पर दबाव डालना होगा। सभी द्वारा दबाव बनाने पर स्थाई सदस्यता मिलने की संभावनाएं बढ़ेंगी।