Bribes for vote case: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सांसदों और विधायकों को सदन में भाषण या वोट देने के लिए घूस लेने पर अब कानूनी कार्रवाई से छूट नहीं मिलने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के इस सोमवार के फैसले को ‘शानदार’ करार दिया। पीएन ने कहा कि इससे देश में साफ-सुथरी राजनीति पक्की होगी और व्यवस्था में लोगों का विश्वास गहरा होगा।चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़(Chief Justice D.Y. Chandrachur) की अगुवाई वाली सात जजों की संविधान बेंच ने जेएमएम रिश्वत मामले में पांच जजों की पीठ द्वारा सुनाए गए 1998 के फैसले को सर्वसम्मति से पलट दिया।
सुप्रीम कोर्ट खारिज किया 1998 का फैशला…
बता दें कि सोमवार 4 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की संविधान पीठ ने सोमवार को सांसदों और विधायकों के विशेषाधिकार से जुड़े एक मामले में अहम फैसला सुनाया है।सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 1998 के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें सांसदों और विधायकों को सदन में भाषण देने या वोट डालने के लिए रिश्वत लेने पर मुकदमा चलाने से छूट मिली थी।
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चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में लिया गया ऐतिहासिक फैसला..
पांच अक्टूबर, 2023 को अपना फैसला सुरक्षित रखने के बाद, चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात-जजों की संविधान पीठ ने इस मामले पर फैसला सुनाया।सुनवाई के दौरान, केंद्र ने कहा था कि रिश्वतखोरी कभी भी छूट का विषय नहीं हो सकती। संसदीय विशेषाधिकार का मतलब किसी को कानून से ऊपर रखना नहीं है।
पीएम मोदी ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ कीChief Justice D.Y. Chandrachur) अगुवाई वाली बेंच ने झामुमो रिश्वत मामले में सुनाए गए फैसले को सर्वसम्मति से पलट दिया। कोर्ट ने कहा कि सांसदों व विधायकों पर वोट के बदले रिश्वत देने का मामला चलाया जा सकते है।पीएम मोदी ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया और इसे महान निर्णय बताया।