“बृजभूषण की मंशा यौन शोषण की नहीं थी”- बृजभूषण वकील

महिला पहलवनों से यौन शोषण मामले में BJP सांसद बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने पर बहस राउज़ एवेन्यु कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई, राउज़ एवेन्यु कोर्ट में स्पेशल जज हरजीत सिंह जसपाल की अदालत में बृजभूषण के वकील ने कहा कि महिला पहलवान को एक इवेंट के दौरान गले लगाते समय बृजभूषण की मंशा उनका यौन शोषण करने की नही थी। बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने कहा कि CrPc के तहत किसी भी अपराध पर संज्ञान लेने की एक समय सीमा होती है। बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने कहा कि बलात्कार, छेड़छाड़, यौन शोषण के अपराध लगातार होने वाले अपराध नहीं है, उनमें आरोप तय करने की समय सीमा निश्चित है। बृजभूषण के वकील ने कहा कि अलग अलग राज्यों या दूसरे देश में हुई किसी घटना इस कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। राउज़ एवेन्यु कोर्ट में कल दोपहर 2:30 बजे सुनवाई जारी रहेगी।
महिला पहलवनों से यौन शोषण मामले में BJP सांसद बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने पर बहस करते समय बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने दलील देते हुए कहा कि देश के बाहर हुए किसी भी मामले में किसी के खिलाफ तब तक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है जब उसके लिए केंद्र सरकार अनुमति न दे। कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर की धारा 188 में यही कहती है कि मजिस्ट्रेट सिर्फ संज्ञान ले सकते हैं लेकिन ट्रायल नहीं शुरू कर सकते हैं। वकील राजीव मोहन ने कहा खिलाडियों के साथ यौन शोषण के मामले में किसी भी खेल संघ की आंतरिक जांच में अगर लगाए आरोप सही नहीं पाए जाते हैं तो आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. ऐसे में मौजूदा एफआईआर रद्द की जानी चाहिए। बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने कहा कि CrPc के तहत किसी भी अपराध पर संज्ञान लेने की एक समय सीमा होती है। बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने कहा कि बलात्कार, छेड़छाड़, यौन शोषण के अपराध लगातार होने वाले अपराध नहीं है, उनमें आरोप तय करने की समय सीमा निश्चित है।

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मामले की सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने कहा कि चार्जशीट 6 लोगों के आरोपों के आधार पर दाखिल की गई। वकील  राजेव मोहन ने कहा कि कानून के मुताबिक सभी आरोपों पर अलग अलग जांच होनी चहिए या अलग अलग चार्जशीट दाखिल होनी चहिये लेकिन एक मामले में सभी 6 शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर एक ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई। बृजभूषण के वकील ने कहा पहली शिकायतकर्ता द्वारा बृजभूषण के ऊपर जो आरोप लगाया गया है उनमें से सिर्फ तीन घटना भारत में हुई है बाकी देश के बाहर हुई है, दिल्ली, बेराली और लखनऊ की घटना ही भारत में हुई जो कोर्ट के क्षेत्राधिकार में आते हैं। बृजभूषण के वकील ने कहा विदेश के बाहर की घटनाओं को लेकर जो आरोप लगाया है वह कोर्ट के क्षेत्राधिकार में तब तक नहीं आएगा जब तक 188 के तहत सेक्शन नहीं लिया जाता है
राउज़ एवेन्यु कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील ने कहा कि मंगोलिया, जकारता में हुई घटना का ट्रायल भारत में नहीं चल सकता है। बृजभूषण के वकील ने कहा कि CrPc के तहत जहां पर घटना हुई है उसी जगह पर उसका ट्रायल होना चहिए, रेप, छेड़छाड़, प्रताड़ित करने को उसी समय होने वाला अपराध माना जाता है, इसको लगातार होने वाला अपराध नहीं माना जाता है।

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बृजभूषण के वकील ने कहा कि पहली शिकायतकर्ता ने बृजभूषण पर कर्नाटका में शोषण का आरोप लगाया है, कर्नाटका और लखनऊ के ट्रायल भी दिल्ली में नहीं किया जा सकता है।  बृजभूषण के वकील ने कहा कि पहली शिकायतकर्ता ने दिल्ली में अशोका रोड और सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में शोषण की घटना का आरोप लगाया है। बृजभूषण के वकील ने कहा कि पहली शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि बृजभूषण ने उसको 20-25 सेकेंड के लिए कस कर गले लगाया था
सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील ने कहा कि  पहली शिकायतकर्ता ने 21 अशोका रोड में उसको टच करने का आरोप लगाया है, और सिरीफोर्ट में गले लगाने का आरोप लगाया है। बृजभूषण के वकील ने कहा 2017 और 2018 के आरोपों पर 2023 में शिकायत की गई, शिकायत में देरी को लेकर कोई भी ठोस वजह नहीं बताई गई है बस यही कहा गया कि वह अपने कैरियर को लेकर दबाव में थी। बृजभूषण के वकील ने कहा की रेसलिंग में अमूमन मेल कोच होते है ऐसा कोई नियम नहीं महिला पहलवान के लिए महिला कोच होगी, जब कोई बड़ी इवेंट होती है तो वहां पर अक्सर देखने को मिलता है कि कोच खिलाड़ियों को लगे से लगेगा कर करते हैं। बृजभूषण के वकील ने कहा हम अभी चार्ज फ्रेम करने के स्टेज पर है, जहां चार्जशीट पर संज्ञान लेकर सुनवाई हो रही है, लेकिन चार्ज फ्रेम करने को लेकर जो कानूनी बाधाएं है उनको हल किए बिना चार्ज फ्रेम नहीं किया जा सकता है, और यही कंडीशन सभी शिकायतकर्ताओं की शिकायत में लागू होती है।

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