Dementia: अक्सर लोगों को भूलने की बीमारी हो जाती है। ये बीमारी एक उम्र के बाद बढ़ने लगती है। खासकर इस बिमारी के शिकार वो लोग होते हैं, जिनकी लाइफ में कुछ ऐसा हुआ हो जिसकी वजह से उनके दिमाग पर जोर पड़ा हो। उनके जीवन में हुई पुरानी बातें तो याद रह जाती हैं लेकिन वर्तमान वो खोया सा रहने लगता है। साथ ही कभी-कभी कोई बीमारी भी मेमोरी लॉस की समस्या का कारण बनती है।
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बता दें, भूलने की बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। इस बामारी को एमनेशिया कहते हैं। इस बामीरी में लोगों को पुरानी बातें याद रहती हैं और ध्यान उसी तरफ बार-बार आकर्शित होता है, जिससे वर्तमान हो रही चीजें इंसान भूल जाता है। एमनेशिया नाम की बीमारी एक प्रकार का मानसिक विकार होता है, जो किसी को भी अपना शिकार बना सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक इस बीमारी में ब्रेन का एक विशिष्ट हिस्सा क्षतिग्रस्त होने लगता है। दिमाग का एक कोना जहां बातें इकट्ठा होती हैं वो डैमेज होने लगता है, जिससे याददाश्त कमजोर होने लगता है। वैसे तो इस बीमारी का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। लेकिन अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको डॉक्टर से दवा और विशिष्ट थेरेपी लेनी चाहिए।
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लिम्बिक सिस्टम और हिप्पोकैम्पस ब्रेन का अपना अलग हिस्सा है। याददाश्त के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसे आवश्यकतानुसार दो बार रिकॉल करने का कार्य करता है। हिप्पोकैम्पस के दूसरे सेल्स ब्रेन को बहुत अधिक एनर्जी की आवश्यकता होती है। जैसे हर चीज रखने की एक जगह होती है, वैसे ही दिमाग भी एक कोने में अपने विचार, घटनाएं और बातें इकट्ठा करके रखता है। लेकिन अगर इसमें कोई दिक्कत आने लगे या ये डैमेज होने लगे तो यह सहीं तरीके से काम नहीं कर पाता। आगे चलकर यह अल्जाइमर और डिमेंशिया का कारण बन जाती है। डिमेंशिया से पीड़ित इंसान ज्यादा बातों को याद नहीं रख पाते हैं। शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर दिमाग सबसे अधिक प्रभावित होता है। यह भी मेमोरी लॉस का कारण बन सकता है। एनोक्सिया नामक बीमारी होती है। एनोक्सिया की बीमारी में ब्रेन डैमेज का खतरा बढ़ जाता है।