Mental Health: कई बार आपने लोगों को आत्महत्या करते हुए सुना होगा। कारण जानने पर पता चलता है कि वो पढ़ाई की वजह से परेशान था, अपने करियर को लेकर परेशान था या फिर परिवार या अपने किसी करीबी को लेकर परेशान था। आपके मन में ये आता होगा की किसी भी परेशानी का हल आत्महत्या नहीं होता। परेशानियां सबके जीवन में होती हैं लेकिन कुछ लोग इसको खत्म करने के लिए आत्महत्या कर लेते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर लोग ऐसा क्यों करते हैं। ये जान कर आपको हैरानी होगी कि लोग आत्महत्या किसी बीमारी की चपेट में आने पर करते हैं। वो कौन सी बीमारी है आइए जानते हैं।
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जैसे बाकी बीमारीयों के लास्ट स्टेज पर पहुंचने पर लोगों की मौत हो जाती है वैसे ही लोग अगर डिप्रेशन के आखिरी स्टेज पर पहुंच जाएं तो उनकी भी मौत हो सकती है। लेकिन फर्क ये है कि बाकी बीमारीयों में लोगों की प्राकृतिक रुप से मौत होती है तो वहीं डिप्रेशन में लोग आत्महत्या कर लेते हैं। आज के इस युग में मेंटल हेल्थ की समस्या आम हो गई है लेकिन फिर भी इसके बारे लोगों को ज्यादा कुछ नहीं पता है। लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है की उनकी मानसिक स्थिति खराब हो रही है और वो डिप्रेशन में जा रहे हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि डिप्रेशन एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है। डिप्रेशन की समस्या लोगों को तब होती है जब उनके दिमाग में सेरोटोनिन हार्मोन कम रिलीज होने लगता है। ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति का व्यवहार बदल जाता है, वो कोई भी काम सहीं तरीके से नहीं कर पाता है और हमेसा अकेला रहने लगता है।
डॉक्टरों के अनुसार डिप्रेशन की समस्या तब होती है जब व्यक्ति के ऊपर किसी काम का ज्यादा बोझ आ जाता है, उसके जीवन में कोई दुखद घटना हो जाती है या फिर वो अपे किसी करीबी व्यक्ति से दूर हो जाता है। ऐसी स्थिति में उस इंसान का आत्मविश्वास खो जाता है, वो अकेला रहता है। उसकी मानसिक स्थिति खराब होने लगती है और वो धीरे-धीरे डिप्रेशन के अंतिम स्टेज पर पहुंच जाता है। और कई बार ऐसा होता है कि लोग उस स्थिति में कुछ समझ नहीं पाते हैं और वो आत्महत्या कर लेते हैं। डॉक्टर्स के अनुसार डिप्रेशन दुनिया भर में आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण है। यदि कोई ऐसा करता है, तो वह खुद को किसी लायक नहीं समझता। वह लंबे समय से मानसिक बीमारी से जूझने की वजह से जिंदगी को लेकर सारी उम्मीदें खो देता है और आत्महत्या कर लेता है।
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हालांकि इससे बचने का उपाय भी है डिप्रेशन का इलाज आसान है, लेकिन लोगों को इसे एक बीमारी मानना चाहिए और डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए। साथ ही, डिप्रेशन के लक्षण दिखते ही पहले अपने दोस्तों या परिजनों से बात करना सबसे महत्वपूर्ण है। यदि आपके मन में कोई परेशानी है, तो इसे उनसे साझा करें। इसके बाद आपको अपने चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए। इस समस्या का इलाज दवाओं और काउंसलिंग से आसानी से होता है।