नई दिल्ली, (आवैस उस्मानी): BSP नेता अनुपम दुबे को 27 साल पुराने हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अनुपम दुबे को इलाहाबाद HC से मिली ज़मानत को बरकरार रखा है। कोर्ट ने अनुपम की जमानत याचिका को चुनौती देने वाली यूपी सरकार की याचिका को खरिज कर दिया। News Delhi Today,
यूपी सरकार ने फर्रुखाबाद में ठेकेदार शमीम हत्याकांड में बसपा नेता डॉ. अनुपम दुबे को हाईकोर्ट से मिली ज़मानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह क्या हो रहा है, 1999 में चार्जशीट दाखिल हुई थी, 1995 का केस है, इतना पुराना मामला है। यूपी सरकार की तरफ से ASG राजू ने अनुपम दुबे की ज़मानत को खारिज करने की मांग करते हुए कहा यह हत्या से जुड़ा मामला है, यह यूपी का बड़ा गैंगस्टर है, वह मामले की सुनवाई में देरी के लिए ज़िम्मेदार है। पुलिस ने शमीम हत्याकांड में 14 जुलाई 1999 को बसपा नेता डॉ. अनुपम दुबे, शिशु व राजू लंगड़ा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
आपको बता दें कि, लकड़ी ठेकेदार शमीम की 26 जुलाई 1995 को फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कसरट्टा के पास गोली मारकर हत्या की गई थी। जिसके बाद शमीम के भाई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस ने शमीम हत्याकांड में 14 जुलाई 1999 को बसपा नेता डॉ. अनुपम दुबे, शिशु और राजू लंगड़ा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। कोर्ट ने सह आरोपी राजू लंगड़ा को बरी कर दिया था। गवाह इदरीश के मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराए गए थे। बता दें, बसपा नेता के खिलाफ 46 मुकदमे हैं। बसपा नेता के वकील ने कोर्ट के बताया कि 41 मुकदमों में उनको कोर्ट ने बरी कर दिया है। दो मुकदमों में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। केवल तीन मुकदमे ही विचाराधीन हैं।
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