Buddha Purnima: हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा या पीपल पूर्णिमा वैशाख में आता है। आज यानी 23 मई गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा भगवान बुद्ध के जीवन की तीन महत्वपूर्ण घटनाओं (बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और निर्वाण) की तिथि है। इसी दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था, साथ ही ज्ञान की प्राप्ति भी हुई थी।
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महात्मा बुद्ध को पुराणों में भगवान विष्णु का नौवां अवतार बताया गया है। इस दिन बौद्ध मतावलंबी बौद्ध विहारों और मठों में मिलकर उपासना करते हैं। दीप जलाकर बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करने का निश्चय करते हैं। गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़े कई प्रसंग जीवन में सफलता और खुशी का रास्ता बताते हैं।
ऐसी मान्यता है कि भगवान बुद्ध का जन्म बुद्ध पूर्णिमा के दिन हुआ था, इसी दिन उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति भी हुई थी। उनका महापरिनिर्वाण भी वैशाख पूर्णिमा के दिन कुशीनगर में हुआ था। बुद्ध पूर्णिमा पर लगभग एक महीने तक कुशीनगर में मेला लगता है। इस दिन लोग भगवान बुद्ध की पूजा करते हैं, दीपक जलाते हैं और उनकी शिक्षाओं को सुनकर उनको जीवन में उतारने का सबक लेते हैं।
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बुद्ध पूर्णिमा बौद्धों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। बुद्ध जयंती को भारत के अलावा चीन, नेपाल, सिंगापुर, वियतनाम, थाइलैंड, जापान, कंबोडिया, मलेशिया, श्रीलंका, म्यांमार, इंडोनेशिया और पाकिस्तान में भी मनाया जाता है। इस दिन, बौद्ध धर्मावलम्बी अपने घरों में दिये जलाते हैं और फूलों से घरों को सजाते हैं। इस दिन बौद्ध ग्रंथ पढ़े जाते हैं। इस दिन गौतम बुद्ध के प्रसिद्ध स्थानों जैसे बोधगया, कुशीनगर, लुम्बिनी और सारनाथ में विशेष पूजा की जाती है।
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