CAA Law Notification:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीएए लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वो देश में सीएए के नाम पर नागरिकता छीनने का विरोध करेंगी।ममता बनर्जी ने कहा कि सीएए केवल बीजेपी का चुनावी स्टंट है।उन्होंने कहा कि सीएए 2020 में पारित किया गया था लेकिन अब इसे चुनाव की घोषणा से पहले क्यों लागू किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि सीएए लागू करने में केंद्र को चार साल क्यों लग गए?
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ममता बनर्जी ने CAA पर कही ये बात…
ममता बनर्जी ने कहा कि अगर सीएए के नाम पर लोगों को डिटेंशन कैंप में भेजा गया तो उनकी सरकार इसका विरोध करेगी।केंद्र सरकार ने सोमवार से देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को लागू करने संबंधी अधिसूचना को जारी कर दिया गया है।केंद्र सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देना शुरू करेगी, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे।सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए।
CM ममता बनर्जी ने CAA पर उठाए ये सवाल…
सीएए 2020 में पारित किया गया था, इसे चुनावों की घोषणा से पहले अब क्यों लागू किया जा रहा है? इसे लागू करने में उन्हें चार साल लग गए। ये एक चुनावी स्टंट है। हम सीएए के नाम पर नागरिकता छीनने का विरोध करेंगे और अगर सीएए के नाम पर लोगों को डिटेंशन कैंप में भेजा जाता है तो हम एनआरसी का विरोध करेंगे।”
सीएए से किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी- गृह मंत्री अमित शाह
सीएए पर पिछले कुछ समय से विरोध करने वालों पर गृह मंत्री शाह अमित शाह(Home Minister AMIT Shah) निशाना साधते हुए कहा था।CAA के जरिय़ किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी। इस कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।इन कानून को उन लोगों के लिए बनाया गया है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए और उन्होंने भारत में आकर शरण ली है। (have taken refuge in India)