नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को 2025 तक बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि पंचायती राज को लेकर भी कुछ फैसले लिए गए हैं। इस योजना के तहत अगले चार सालों में 1 करोड़ 65 लाख लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि, इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 3700 करोड़ रुपये होगा और राज्य सरकारों का हिस्सा 20211 करोड़ रुपये होगा। कुल मिलाकर 5,911 करोड़ रुपये अगले चार सालों में खर्च होंगे। इस स्कीम के माध्यम से 2 लाख 78 हजार रूरल लोकल बॉडीज को सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि जब से मोदी जी की सरकार केंद्र में आई है, तभी से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है और शहरों और गांवों के बीच की खाई को पाटने का काम किया गया है। महात्मा गांधी कहते थे कि भारत गांवों में बसता है, लेकिन आजादी के बाद इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, अगर आप तुलना करके देखें तो राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान में जो पहले राशि खर्च हुई थी वो 2364 करोड़ रुपये थे, जिसमें 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इस योजना के तहत 1 करोड़ 36 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। अब आगे 1 करोड़ 65 लाख लोगों को और प्रशिक्षित किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, 2 लाख 30 हजार ग्राम पंचायतों ने ई-ग्राम स्वराज एप्लीकेशन को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।50 फीसदी से ज्यादा महिलाएं पंचायती राज से जुड़ी हुई हैं। जिससे महिला सशक्तिकरण का काम भी हो रहा है।
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केंद्रीय कैबिनेट ने अपने एक अन्य फैसले में कोयला युक्त क्षेत्र (अधिग्रहण एवं विकास) अधिनियम, 1957 के तहत अधिग्रहित भूमि के उपयोग के लिए नीति को मंजूरी दे दी है। इस बदलाव से कोयला और ऊर्जा से संबंधित अवसंरचना के विकास और स्थापना के लिए गैर-खनन योग्य भूमि का उपयोग करना संभव होगा। वहीं, केन्द्रीय केबिनेट ने विकेन्द्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन के क्षेत्र में भारत और जापान के बीच एक सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी है, इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड और कनाडा के मैनिटोबा सेक्योरिटीज़ कमीशन के बीच द्विपक्षीय समझौता-ज्ञापन को भी मंजूरी दे दी है।