सावधान! छोटे बच्चों में फोन की लत हो सकती है खतरनाक, बचाव के लिए फॉलो करें ये स्टेप्स

Addiction Of Mobile :

Addiction Of Mobile: अक्सर पेरेंट्स बच्चों को चुप कराने के लिए मोबाईल फोन का सहारा लेते है।फोन को पकड़ाकर काम में बिजी हो जाते है।मौजूदा समय में स्मार्ट फोन का यूज हर एक व्यक्ति कर रहा है।जिसे तकनीक के बारे में थोड़ी सी भी जानकारी है।हाल में हेल्थ एक्सपर्ट ने ये दावा किया कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों को फोन का यूज करने से आंखों में गंभीर बीमारी हो सकती है।

बच्चों में बढ़ रही आंखों की समस्या- ज्यादा फोन की स्क्रीन देखने से बच्चों को कई तरह के नुकसान होते हैं, जो आगे चलकर परेशानी का सवब बनते हैं। जापान,चीन समेत दुनिया के कई देश इस तरह की गंभीर बीमारी से जूझ रहे है। इन दिनों छोटे बच्चों में मोबाइल फोन की लत बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है।मायोपिया से बचाव के लिए बच्चों को आउटडोर एक्टिविटी को बढावा दे।अगर बच्चों में इस तरह की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है तब आप बिना देरी के डॉक्टर से संपर्क करें ।

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बच्चों की फोन से बनाएं दूरी- जाने माने हेल्थ एक्सपर्ट ने ये दावा किया कि साल 2050 तक पूरी दुनिया में 50 फीसदी लोग आंखों की बीमारी मायोपिया या दृष्टि दोष से पीड़ित हो सकते है। ये सभी लोग सिर्फ चश्‍मा लगाकर ही देख पा रहे होंगे। हालांकि अभी भी भारत के कई शहरों में अधिकांश बच्चे चश्में का यूज करते है। भारत के अतीत काल में आज से कई वर्ष पहले बहुत कम बच्चे चश्मे का यूज करते थे।हालांकि हालातों को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि यही स्थिति कुछ समय के बाद भारत में बहुत जटिल हो सकती

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यह भी जानें – हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया कि बच्‍चे को अगर आप स्‍क्रीन दिखाते भी हैं तो मिनिमम स्‍क्रीन साइज आपका लैपटॉप या डेस्‍कटॉप होना चाहिए.इससे छोटा स्‍क्रीन बच्चों की आखों को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। हाल में दिल्ली में  8 हजार से अधिक बच्चों पर एक स्टडी की गई।इसके लिए ऐसा एरिया चुना गया था, जहां 2001 में भी ऐसी ही एक स्टडी हुई थी. उस समय 7 फीसदी बच्चों में मायोपिया पाया गया था ।वहीं साल 2013 से 2016 के बीच स्टडी में बच्चों में मायोपिया की ये बीमारी बढ़कर 21 फीसदी हो गई ।

हेल्थ एक्सपर्ट ने जारी की एडवाइजरी – वर्तमान समय में बच्चों में बीमारियां कम उम्र में होने लगती है। बच्चो को फोन की लत से दूर रखने के लिए स्‍क्रीन गाइड लाइन भी जारी की गई है।आंखों की देखरेख करने वाले डॉक्टरों के अनुसार मायोपिया एक लाइफस्टाइल डिजीज है और यह सबसे कम उम्र में होने वाली जीवनशैली संबंधी बीमारी भी सकती है।अगर सही समय पर जीवनशैली में  सुधार किया जाए, आदतें बदली जाएं तो बहुत कुछ सुधारा जा सकता है।

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