बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री RJD प्रमुख लालू यादव की मुश्किलें फिर से बढ़ सकती है। CBI ने सालों से रुका हुआ एक भ्रस्टाचार का केस ओपन कर दिया है। यह केस सिर्फ लालू यादव से ही सम्बंधित नहीं है बल्कि ये तेजस्वी यादव और उनकी 2 बेटियां रागिनी यादव और चंदा यादव से सम्बंधित है। उनके ऊपर भ्रस्टाचार के आरोप लगे है।
जानकारी के मुताबिक यह मामला रेलवे प्रोजेक्ट के जुड़ा है। जिसमें रेलवे प्रोजेक्ट के आवंटन में हुई गड़बड़ियों को लेकर है। बता दें की ये मामला तब का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे। उस दौरान रेलवे के प्रोजेक्टस के अलॉटमेंट में इन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। 2018 में सीबीआई ने इस मामले के शुरूआती जाँच के बाद ही बंद कर दिया गया था। जिसे इस समय सीबीआई ने रीओपन कर दिया है।
लालू यादव पर आरोप लगे थे की इन्होने मुंबई के बांद्रा में रेल की जमीन को लीज पर देने और और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सुधार के काम को देने के लिए घूस ली थी। इसके लिए लालू प्रसाद यादव ने डीएलएफ की तरफ से दिल्ली में एक प्रॉपर्टी घूस के तौर पर दी गयी थी।
वहीं सीबीआई में अक्टूबर महीने में लालू यादव के खिलाफ एक और चार्जशीट दाखिल की थी। जिसमें राबड़ी देवी के अलावा 14 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था। यह मामला भी ‘लैंड फॉर जॉब’ मामले को लेकर था। इस मामले की सुनवाई चल रही है जिसमें फ़िलहाल लालू प्रसाद यादव जमानत पर हैं।
बता दें की इससे पहले भी लालू यादव पर लालू यादव पर चारा घोटाले के 6 मामलो पर सजा हो चुकी है वहीं अन्य कई मामलों पर केस अभी भी चल रहा है। लालू यादव पर आरोप है की उनके कार्यकाल में रेलवे में ग्रुप D नौकरी देने के बदले जमीने अपने परिजनों के नाम लिखवा ली थी। यह पूरा मामला 2008 से 2009 के बीच का है। जिसमें सीबीआई ने दावा किया है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाई गई।
लालू यादव ने अपना राजनितिक वारिस तेजस्वी यादव को घोषित कर दिया है। और आने वाले चुनाव में बीजेपी के सामने एक बड़े चेहरे के रूप में रहेंगे। वहीं लालू यादव ने भी ऐलान कर दिया है की तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही 2025 का चुनाव लड़ा जाएगा। वहीं ये बात तो साफ है की अगर लालू यादव का कोई भी केस रीओपन होगा तो वो तेजस्वी यादव से जरूर जुड़ेगा। और इसका दबाव भी तेजस्वी यादव के ऊपर जरूर पड़ेगा।
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बता दें की 5 दिसंबर को लालू यादव का किडनी ट्रांसप्लांट सिंगापुर के अस्पताल में हुआ था। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने उन्हें किडनी डोनेट की है। कुछ दिनों पहले ही उन्हें हॉस्पिटल से छुट्टी मिली है। अगले दो महीने तक उन्हें सिंगापुर में ही रहने की सलाह डॉक्टर के तरफ से दी गई है। और कहा तो यह जा रहा है की लालू यादव के खिलाफ यह कार्रवाई उस दौरान से शुरू की जा रही है जब से वे अपना इलाज सिंगापुर में करा रहे हैं।
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