दिल्ली – प्रदीप कुमार – केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर से अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को वापस बुलाने का फैसला ले लिया है। इस फैसले के बाद अब जम्मू कश्मीर में तैनात 100 में से सीआरपीएफ की 40 कंपनियां वापस आ जाएंगी। सीआरपीएफ के अलावा घाटी से BSF, SSB, CISF की भी 20-20 कंपनियां वापस लौटेंगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स सीएपीएफ की तैनाती की समीक्षा के बाद ही सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी और सीआईएसएफ का जम्मू कश्मीर से वापसी का फैसला लिया है।
इन कंपनियों को पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू–कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे और विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य में तैनात किया गया था।
मनोज सिन्हा के जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल का पद संभालने के बाद से ही अनुमान लगाये जा रहे थे कि अब राज्य में कुछ बड़े फैसले होंगे जिनमें से पहला बड़ा फैसला आ गया है। घाटी से सीआरपीएफ की 100 कंपनियों को वापस बुलाने से वहां पर 10 हजार जवानों की तैनाती कम हो जाएगी। वहीं इससे पहले घाटी से मई महीने में भी 10 कंपनियों को वापस बुलाया गया था। जानकारी के मुताबिक जिन जवानों को जम्मू कश्मीर से वापस बुलाया जा रहा है उनको पूर्वात्तर के राज्यों और नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात किया जाएगा। सीआईएसएफ की दो से तीन कंपनियों को गुजरात में तैनात किया जा सकता है। 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू–कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को खत्म कर दिया था। उस समय 400 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया था। इससे पहले दिसंबर 2019 की शुरुआत में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 20 कंपनियों को वापस बुलाया गया था। दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में 72 कंपनियों को और हटाया गया था। अब 100 कंपनियों को हटाए जाने के फैसले के बाद 208 अतिरिक्त कंपनियां ही रह जाएंगी।
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