इंदौर: भगवान गणेश की चांदी की मूर्तियों की मांग बढ़ी

Ganesh chaturthi festival:गणेश चतुर्थी में एक सप्ताह से भी कम समय बचा है। ऐसे में मध्य प्रदेश के इंदौर में भगवान गणेश की चांदी की मूर्तियों की भारी मांग है।विकास सोनी, कारीगर:अभी आने वाले टाइम को देखते हुए गणेश चतुर्थी का पर्व आ रहा है, और उसको देखते हुए काफी डिमांड में हैं गणेश जी और लक्ष्मी जी की मूर्ति काफी, और हमारे द्वारा ये मूर्तियां तीन से चार मूर्तियां पर डे बना दी जाती हैं, उसमें हम कास्टिंग करके बनाते हैं, कास्टिंग करने के बाद इसमें आगे कारीगरी का काम होता है।एक पूजनीय स्थान में, हमारे घर के मंदिर में, हमारी दुकान में, गणेश जी की चांदी की मूर्ति होना चाहिए। इस भावना को दृष्टिगत रखते हुए  इस बार गणेश चतुर्थी पे चांदी की मूर्ति लेने का मन बना है।

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बाजार में भगवान गणेश की अलग-अलग साइज की चांदी की मूर्तियां उपलब्ध हैं। इनकी कीमत 400 रुपये से लेकर कई लाख तक
है।निर्मल वर्मा, व्यवसायी:हमारे पास जो चांदी की मूर्तियां हैं, वो हमारे पास पांच ग्राम से लेकर एक किलो तक की मूर्तियां हैं जिसमें हर प्रकार का वजन मिलेगा। आपको अगर पांच ग्राम में गणेश जी चाहिए, तो आपको होलो भी मिलेंगे जो चार सौ रूपये तक कीमत रखते हैं और अगर आप ठोस गणेश जी चाहते हैं तो उसमें हर प्रकार के वजन मिलेंगे। मतलब हर व्यक्ति की रेंज वाले गणेश जी हम लोगों ने उपलब्ध कराए हैं इस बार।

ग्राहक इन मूर्तियों को इसलिए भी चुन रहे हैं क्योंकि प्लास्टर ऑफ पेरिस जैसी चीजों से बनी मूर्तियां इको-फ्रेंडली नहीं हैं।ज्यादातर लोग प्लास्टर ऑफ पेरिस की जो मूर्तियां खरीदते हैं, उससे कहीं न कहीं, लोग उसको पानी में डालते हैं लेकिन वो गलती नहीं है, लेकिन हम किसी अगर गणेश जी हैं, अगर हम सोने या चांदी की खरीदते हैं, जैसे मैं चांदी की लेने आया हूं, तो हम इनको स्थापित करके इनको ठंडी नहीं करते हुए, इनकी सेवा भी हो जाएगी। ऐसे मेरा मानना है, इसलिए मैं चांदी की गणेश प्रतिमा लेने आया हूं।जिस तरह से एटमॉस्फीयर में पॉल्यूशन, तो अभी प्लास्टर ऑफ पेरिस की, मिट्टी की या केमिकल की मूर्तियां आती हैं, उससे होता है,सो उससे भी बचा जा सकता है, और ये परमानेंट हैं, ये टंपरेरी नहीं है बीकॉज हमने इसको एक बार ली तो इसको विसर्जित करने नहीं जाने वाले हैं, इसे हम रखने ही वाले हैं। ये साल दर साल हमारे घरों में ही रहने वाली है।कारीगरों का कहना है कि इन मूर्तियों को तैयार करने में कड़ी मेहनत लगती है। उनके मुताबिक एक मूर्ति को बनाने में चार दिन तक का वक्त लग सकता है, जो उसके साइज और उस पर की जा रही कलाकारी पर निर्भर करता है।

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