Bharat Jodo Nyay Yatra: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से अपील की की वे एक दिन का ब्रेक लें और 22 जनवरी को मोरीगांव, नागांव और जगीरोड से अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा न निकाले। इसके पीछे उन्होंने सुरक्षा कारणों और राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का हवाला दिया।मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “राहुल गांधी से मेरे दो अनुरोध हैं। एक तो कल मोरीगांव, नगांव, जगीरोड में अपनी यात्रा टाल दें। ये वास्तव में अच्छा होगा। एक दिन आराम करें और असम के मौसम का आनंद लें।”
Read also-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय के स्थापना दिवस पर लोगों को बधाई दी
उन्होंने राहुल गांधी से अयोध्या में राम मंदिर के मुकाबले बताद्रवा थान को न लाने का भी अनुरोध किया।बताद्रवा थान, जिसे बोर्डोवा थान के नाम से भी जाना जाता है, असम के वैष्णव संत महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव का जन्मस्थान है।सीएम हिमंत ने राहुल गांधी से पूछा कि उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन ही मोरीगांव, नागांव, जगीरोड और नेल्ली जैसे संवेदनशील जगहों को क्यों चुना?18 फरवरी 1983 को मध्य असम में हुए नेल्ली नरसंहार का जिक्र करते हुए उन्होंने पूछा, “आपने उस दिन उस विशेष जिले को क्यों चुना? क्या आप हमें दुर्भाग्य में डालना चाहते हैं जैसे कि कल कोई झड़प या संघर्ष हो जाए और पूरे देश असम में हुई झड़प की तरफ आकर्षित हो।”हिमंत बिस्वा सरमा ने ये भी आश्वासन दिया कि सरकार 22 जनवरी को राहुल गांधी की यात्रा के दौरान अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के संवेदनशील रास्तों पर कमांडो तैनात करेगी।
मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी से अनुरोध किया : राहुल गांधी से मेरे दो अनुरोध हैं, एक तो कल मोरीगांव, नगांव, जगीरोड में अपनी यात्रा टाल दें। ये वास्तव में अच्छा होगा। एक दिन आराम करें और असम के मौसम का आनंद लें। दूसरी बात, बताद्रवा को राम मंदिर के मुकाबले में मत लाएं। मैंने क्रॉस चेक कर लिया है, सत्र समिति ने उन्हें आमंत्रित नहीं किया है। मैंने नेशनल मीडिया पर एक खबर देखी जिसमें दिखाया गया था कि नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा में होंगे, राहुल गांधी श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान में होंगे। ये एक गलत बराबनी है। ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया है।”
असम सरकार ने क्यों लिया ये निर्णय? – एक जिला है जहां 60 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है और 40 प्रतिशत हिंदू मुश्किल बैकग्राउंड से आते हैं। आपने उस दिन उस विशेष जिले को क्यों चुना? क्या आप हमें दुर्भाग्य में डालना चाहते हैं जैसे कि कल कोई झड़प या संघर्ष हो जाए और पूरे देश असम में हुई झड़प की तरफ आकर्षित हो। मोरीगांव क्यों? जागीरोड, मोरीगांव, नेल्ली में राहुल गांधी और उनके जैसे समर्थकों की मौजूदगी, क्या ये बुरा नहीं है?”सरकार 22 जनवरी को राहुल गांधी की यात्रा के दौरान अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के संवेदनशील रास्तों पर कमांडो तैनात करेगी।”
(Source PTI)