( सत्यम कुशवाह ) दिल्ली- देश की राजधानी दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। यमुना से सटे निचले इलाकों के लोग अब अपना घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। किसानों की मेहनत पर भी पानी फिर गया है, जो भी फसलें उन्होंने अपने जीवन-यापन और आय के साधन के लिए की थी सब जलमग्न हो गई हैं। अब तो लोग बस अपनी जान बचाने में लगे हैं। इसी मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और लोगों से निचले इलाकों को छोड़ने की अपील भी की है।
सीएम केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कही ये बातें
यमुना के बढ़ते जलस्तर और दिल्ली में बाढ़ के खतरे को देखते हुए सीएम केजरीवाल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राजधानी दिल्ली में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। यमुना डेंजर लेवल को पार कर चुकी है। दिल्ली में 1978 में ऐसे हालात बने थे और अब 43 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा है। दिल्ली में पिछले 2 दिन से बारिश नहीं हो रही है, फिर भी यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। यमुना में जो पानी आ रहा है वह पहाड़ों से आ रहा है। हथिनीकुंड बैराज से भी पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके कारण ऐसे हालात बन रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री से अनुरोध किया है कि पानी छोड़ने की गति को थोड़ा कम किया जाए, जिससे स्थिति नियंत्रण में रह सके।
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सीएम केजरीवाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत से भी फोन पर बात हुई है। उन्होंने बताया है कि पानी को रोका नहीं जा सकता, लेकिन पहाड़ों से पानी आना कम हो गया है। मंगलवार को यमुना में जो पानी छोड़ा गया था उसे दिल्ली पहुंचने में 24 घंटे लगेंगे। यमुना का जलस्तर और भी बढ़ेगा। इसी के मद्देनजर उन्होंने सभी लोगों से अपील की है यमुना के निचले इलाकों में जो भी लोग रहते हैं वह अपने घर को खाली कर दें। क्योंकि अचानक यमुना का जलस्तर बढ़ेगा तो जान का खतरा हो सकता है। जो इलाके प्रभावित हुए हैं वो हैं बोट क्लब, मॉनेस्ट्री मार्केट, नीली छतरी टेंपल, यमुना बाजार, नीम करोली, गौशाला, विश्वकर्मा , गढ़ी मांडू, मजनू का टीला, वजीराबाद, उस्मानपुर और बदरपुर खादर। इसके अलावा जो लोग बाढ़ को देखने जा रहे हैं कृपया ना जाए, क्योंकि काफी भीड़ लगी हुई है लोग सेल्फी ले रहे हैं वीडियो बना रहे हैं यह गलत है। इससे लोगों की जान को खतरा है। रिलीफ कैंप को आगे और भी बढ़ाया जाएगा। इसके लिए बहुत से एनजीओ सरकार की मदद कर रहें हैं हम उनका धन्यवाद करते हैं।