(देवेश कुमार): राजधानी दिल्ली में प्राइवेट बाइक का अब कमर्शियल इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने नोटिस जारी कर इसे मोटर वाहन अधिनियम 1988 का उल्लंघन बताया है नियमों का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये के जुर्माने के साथ लाइसेंस जब्त होने का प्रावधान है। महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में भी अब इस पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने इसके लिए पब्लिक नोटिस जारी कर दिया है। पाबंदी के बाद अगर कोई भी बाइक टैक्सी चलता है तो उसका चालान काटा जाएंगे। साथ ही गाड़ी भी जब्त की जा सकती है। सरकार ने इस सर्विस से जुड़े तमाम एग्रीगेटर्स को भी चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने अपने प्लैटफॉर्म मोबाइल ऐप/वेबसाइट पर बुकिंग्स जारी रखी, तो उनके खिलाफ भी मोटर वीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इसमें एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। विभाग जल्द ही ऐसे एग्रीगेटर्स को कारण बताओ नोटिस भेजने की भी तैयारी कर रहा है। बता दें की दिल्ली, मुंबई समेत देश के कई अन्य बड़े शहरों में बाइक टैक्सी का इस्तेमाल पिछले कुछ सालों में काफी लोकप्रिय हुआ है, ऐसे में इस पर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने भी आपत्ति जताई थी। राज्यों को इस पर रोक लगाने का निर्देश दिया था, महाराष्ट्र में पहले ही प्राइवेट बाइक का कमर्शियल इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है।
अब ऐसे में दिल्ली सरकार ने भी यह बड़ा फैसला लिया है और अब दिल्ली में प्राइवेट बाइक का कमर्शियल इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। अगर राजधानी दिल्ली में कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी सरकार की तरफ से जारी नोटिस में कहा गया है कि जो टू वीलर्स ट्रांसपोर्ट वीकल के रूप में रजिस्टर्ड नहीं हैं, उनका कमर्शल इस्तेमाल नियमों के खिलाफ है, पहले उल्लंघन पर 5 हजार जुर्माना, दूसरी बार पकड़ा तो 10 हजार का जुर्माना होगा वही एक साल जेल और गाड़ी जब्त करने का भी प्रावधान है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, ड्राइविंग लाइसेंस 3 महीने के लिए सस्पेंड हो सकता है।
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परिवहन विभाग ने इसे निजी बाइक टैक्सियों को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 का उल्लंघन बताया है। बहरहाल अब राजधानी में प्राइवेट बाइक के कमर्शल इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली सरकार ने इसके लिए पब्लिक नोटिस भी जारी कर दिया है ऐसे में अब नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने के साथ जेल भी काटनी पड़ सकती है।