( प्रदीप कुमार) – मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई हैवानियत और पिछले 79 दिनों से चल रही हिंसा को लेकर कांग्रेस पार्टी ने कहा कि मानसून सत्र में सदन नहीं चलने के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है। कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और राज्यसभा में कांग्रेस उप नेता प्रमोद तिवारी ने सरकार को घेरा है। पवन खेड़ा ने कहा कि विपक्षी दलों को मिनटों में नोटिस देने वाले वाली राष्ट्रीय महिला आयोग के पास इस वारदात की दो शिकायतें गई, मगर शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी से इस देश को उम्मीद है। राष्ट्रपति जी संविधान में निहित अपनी शक्तियों का उपयोग कर मणिपुर की सरकार को भंग करें।
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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा है कि मणिपुर की घटना के बाद प्रधानमंत्री मोदी दो बार विदेश जा चुके हैं। मगर प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर के लिए समय नहीं निकाल पाए हैं।पीएम मोदी के मणिपुर न जाने पर एक बात याद आती है कि जब रोम जल रहा था, तब नीरो बांसुरी बजा रहा था। प्रधानमंत्री ने शांति की अपील तक नहीं की। राहुल गांधी जी मणिपुर गए और हर समुदाय ने उन्हें गले लगाया। गृह मंत्री अमित शाह भी तीन दिन मणिपुर में रहकर आए। अब या तो उन्हें इस वीभत्स घटना की जानकारी नहीं दी गई या उन्हें घटना की जानकारी दी गई, लेकिन उन्होंने यह जानकारी देश को नहीं दी। मुख्यमंत्री से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी तो सैकड़ों घटनाएं हो चुकी हैं।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि मणिपुर की घटना पर बोलते हुए पीएम ने अपने ट्रोल्स को इशारा कर दिया कि अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ की बात करें। प्रधानमंत्री जी को बोलने से पहले अपनी सरकार के आंकड़े देखने चाहिए, फिर ऐसी कायराना बातें करनी चाहिए। इन दोनों कांग्रेस शासित राज्यों में घंटों में ही गिरफ्तारी होती है। कांग्रेस शासित राज्यों में अपराध के प्रति नो टोलरेंस देखा जा सकता है। एनसीआरबी की वर्ष 2021 की रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के विरुद्ध अपराध में भाजपा शासित प्रदेश टॉप पर हैं। वही कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह करते हैं कि वह सदन को संबोधित करें। मणिपुर को लेकर इंडिया की मांग मणिपुर की गंभीरता को देखते हुए रखी जा रही है। वहीं सरकार टालने के लिए चर्चा की बात कर रही है।