Ram Mandir News: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने शुक्रवार को कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाला भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह कोई धार्मिक कार्यक्रम नहीं बल्कि एक राजनैतिक कार्यक्रम है।पवन खेड़ा ने कहा कि मंदिर में किसी को नहीं बुलाया जाता, कम से कम इंसानों को नहीं और किसी को भी मंदिर में जाने से नहीं रोका जाता। इंसान किसी को मंदिर में नहीं बुला सकता और इंसान भी किसी को मंदिर में जाने से नहीं रोक सकता और न आने से रोक सकता है।पवन खेड़ा ने कहा कि जब किसी मंदिर की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की जाती है, तो एक निश्चित तरीके से की जाती है और ‘धर्मशास्त्र’ का पालन किया जाता है। क्या ये कार्यक्रम ‘धर्मशास्त्र’ का पालन करते हुए किया जा रहा है? यदि ये कार्यक्रम धार्मिक है, तो चार शंकराचार्य उन्होंने साफ कहा है कि अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जानी चाहिए। अगर ये कार्यक्रम धार्मिक नहीं है तो राजनैतिक है।
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पवन खेड़ा ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी का दिन ही क्यों चुना गया? उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की तारीख चुनते समय चुनावों को ध्यान में रखा गया।मंदिर में न किसी को बुलाया जाता है कम से कम इंसान द्वारा तो नहीं बुलाया जाता और न किसी को रोका जाता है न इंसान किसी को मंदिर में बुला सकता है न इंसान मंदिर जाने से रोक सकता है। लेकिन एक उल्टी गंगा बहाई जा रही है मुझे ये बताइए किसी मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा जब किया जाता है तो उसका एक तौर तरीका होता है विधि विधान होता है, धर्मशास्त्र होते हैं क्या ये कार्यक्रम धार्मिक है?
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अगर ये कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या विधिविधान से हो रहा है, धर्मशास्त्र से किया जा रहा है। अगर ये कार्यक्रम है तो शंकराचार्य चारों पीठों के हमारे शंकराचार्य क्या उनकी सलाह से उनकी देखरेख से इस कार्यक्रम के स्वरूप को तय किया जा रहा है। चारों शंकराचार्य चारों पीठ स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि एक अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठम नहीं की जा सकती। अगर ये कार्यक्रम धार्मिक नहीं है तो ये कार्यक्रम राजनीतिक है। मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी की तारीख का चुनाव मैं ये जानना भी चाहता हूं हम लोग सब जानना चाहते हैं। ये भारतीय जनता पार्टी ने कौन से पंचाग को देख कर तय किया। ये तारीख का चुनाव नहीं हुआ है चुनाव देखकर तारीख चुनी गई है।”