(प्रदीप कुमार )- congress meeting- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज विश्वास जताया कि पड़ोसी राज्यों कर्नाटक और तेलंगाना में पार्टी की जीत के बाद आंध्र प्रदेश में जमीनी स्थिति बदल गयी है।आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश राज्यों के लिए 2024 के आम चुनावों के संबंध में दो अलग-अलग रणनीति बैठकों की अध्यक्षता करने के बाद खरगे ने ट्वीट किया, “हर कोई मानता है कि कर्नाटक और तेलंगाना में सरकार गठन के बाद जमीनी स्थिति में काफी बदलाव आया है।दो अलग-अलग रणनीति बैठकों में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल के अलावा पीसीसी अध्यक्ष और संबंधित राज्यों के प्रभारी महासचिव शामिल हुए।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि,हर नेता और कार्यकर्ता कड़ी मेहनत करेगा और उस बंधन को फिर से स्थापित करेगा, जिसे आंध्र प्रदेश के लोगों ने एक बार कांग्रेस पार्टी के साथ साझा किया था।हिमाचल प्रदेश पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, केंद्र की मोदी सरकार ने हिमाचल की विनाशकारी बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की राज्य सरकार और सांसदों की बार-बार की गई अपील को नजरअंदाज कर दिया।
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हालाँकि, उन्होंने कहा, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार वहां के लोगों को राहत प्रदान करने के लिए अपने स्तर पर संसाधन जुटाने में कामयाब रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार राज्य के लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।हिमाचल प्रदेश की बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, एआईसीसी प्रभारी राजीव शुक्ला, पीसीसी अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और एआईसीसी सचिव तजिंदर सिंह बिट्टू सहित अन्य लोग शामिल हुए।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि पूरे राज्य नेतृत्व ने विश्वास व्यक्त किया है कि पार्टी राज्य की सभी चार लोकसभा सीटें जीतने की स्थिति में है। उन्होंने कहा, भाजपा शासित केंद्र के सौतेले व्यवहार के बावजूद राज्य विनाशकारी बाढ़ से उत्पन्न स्थिति से निपटने के साथ-साथ अपने वादे भी पूरे कर रहा है।वही आंध्र प्रदेश के लिए रणनीति बैठक में एआईसीसी प्रभारी मनिकम टैगोर, पीसीसी अध्यक्ष जीआर राजू, पूर्व केंद्रीय मंत्री एमएम पल्लम राजू और अन्य लोगों ने भाग लिया।
बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए टैगोर ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी ने उन सभी लोगों को वापस आने का खुला निमंत्रण दिया है जो कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास करते हैं और कुछ समय के लिए चले गए हैं। उन्होंने पिछले दस वर्षों के दौरान राज्य की अनदेखी के लिए केंद्र सरकार की भी आलोचना की