( प्रदीप कुमार ), दिल्ली- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में श्वेत पत्र पेश कर दिया है जिसमें वित्तीय कुप्रबंधन के लिए तत्कालीन यूपीए सरकार पर निशाना साधा गया है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार के खिलाफ ब्लैक पेपर जारी किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में 2014 के पहले की भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ा एक श्वेतपत्र पेश कर दिया है। इस श्वेतपत्र में यूपीए सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के बारे में बताया गया है। यूपीए सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के बारे में मोदी सरकार की ओर से जारी श्वेत पत्र में बताया गया है कि तत्कालीन यूपीए सरकार आर्थिक प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाने में विफल रही।इसमे कहा गया है कि तत्कालीन यूपीए सरकार की ओर से लिए गए निर्णय देश को और पीछे की ओर ले गए।
श्वेत पत्र के अनुसार यूपीए सरकार आर्थिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने में बुरी तरह विफल रही। इसके बजाय यूपीए सरकार ने ऐसी बाधाएं पैदा कीं जिससे अर्थव्यवस्था रुक गई। वहीं श्वेत पत्र के मुताबिक केंद्र सरकार ने वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के सुधारों के विलंबित प्रभावों और अनुकूल वैश्विक परिस्थितियों का लाभ उठाया और दीर्घकालिक आर्थिक परिणामों की अधिक चिंता किए बिना संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों के लिए परिणामी रूप से तेज आर्थिक विकास पर काम किया। सरकार ने श्वेत पत्र में बताया कि यूपीए काल ना केवल अर्थव्यवस्था में गतिशीलता लाने में विफल रहा,बल्कि अर्थव्यवस्था को इस तरह लूटा गया कि हमारे उद्योगपतियों ने रिकॉर्ड पर कहा कि वे भारत के बजाय विदेश में निवेश करना पसंद करेंगे।
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केंद्र सरकार की ओर से लाये गए इस श्वेत पत्र से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल पर ब्लैक पेपर जारी किया।खरगे ने कहा कि कांग्रेस ने इसे 10 साल, अन्याय काल नाम दिया है। वहीं कांग्रेस के ब्लैक पेपर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में निशाना साधा। PM ने कहा- सरकार ने पिछले 10 साल में काफी विकास किया। इसे किसी की नजर न लग जाए, इसलिए कांग्रेस के ब्लैक पेपर को मैं काला टीका मानता हूं।
बहरहाल अब केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में पेश किए गए श्वेत पत्र पर शुक्रवार को लोकसभा में चर्चा होगी। श्वेत पत्र में 2014 से पहले और 2014 के बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था के उतार-चढ़ाव की जानकारी दी जाएगी। इस दौरान सत्तापक्ष- विपक्ष के बीच जोरदार बहस देखने को मिल सकती है।