नई दिल्ली (रिपोर्ट- तरुण कालरा): कृषि विधेयकों के खिलाफ विरोध थमा भी नहीं था कि नए श्रमिक कोड के कारण बवाल की आशंका बढ़ गयी है। कांग्रेस ने केंद्र पर बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। इंटुक ने भी नए नियम कानूनों के खिलाफ आंदोलन की चेतवानी सरकार को दी है।
केंद्र के लेबर कोड बिल अब नए विवाद की वजह बन गए हैं। केंद्र के खिलाफ कांग्रेस ने इस बिल के कारण मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है कि नए लेबर कोड से श्रमिको का शोषण बढेगा और लेबर यूनियंस भी कमजोर हो जाएंगी। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बड़े उद्योगपतियो को फायदा पहुंचाने की मंशा से केंद्र ने फैसला लिया है।
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श्रमिकों को कांग्रेस समर्थित यूनियन इंटुक ने भी केंद्र के विरोध में आंदोलन की धमकी दी है। अध्यक्ष जी. संजीव रेड्डी के मुताबिक नए लेबर कोड से श्रमिकों का हड़ताल तक करना गैर कानूनी हो जाएगा। नय नियमों के तहत श्रमिकों पर ही हड़ताल करने पर कार्रवाई करने का आरोप इंटुक ने लगाया है। इंटुक के मुताबिक आरएसएस समर्थित भारतीय मजदूर संघ भी नए कानून की खिलाफत कर रहे हैं, लिहाजा देशभर में बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही है।
नए बिल के मुताबिक कंपनियों को बंद करने की बाधाएं खत्म होंगी और अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को निकालने की अनुमति होगी। राज्यसभा ने ध्वनि मत से औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक सुरक्षा पर शेष तीन श्रम संहिताओं को पारित कर दिया था। इस दौरान आठ सांसदों के निष्कासन के विरोध में कांग्रेस, वामपंथी और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने राज्यसभा की कार्रवाई का बहिष्कार किया था।