उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 27 सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनावों में मतगणना जारी है। भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक राज्य में शनिवार को औसत मतदान प्रतिशत 98.11 दर्ज किया गया, जिसमें रायबरेली में सबसे अधिक 99.35 प्रतिशत और गोरखपुर में सबसे कम 96.50 प्रतिशत मतदान हुआ।
सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए, जो हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में दो–तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आई, यह खुद को सदन में सबसे बड़ी पार्टी बनाने और उत्तर के दोनों सदनों में बहुमत लेने का मौका होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9 अप्रैल को गोरखपुर में कहा था कि हाल के विधानसभा चुनावों में बीजेपी 2017 की तरह दो–तिहाई से अधिक सीटें जीती थीं और मजबूत सरकार बनाई। चार दशक बाद एक ऐसी स्थिति आई है जब कोई सत्ताधारी दल विधान परिषद में भी प्रचंड जनादेश हासिल कर सकेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, 95 उम्मीदवार मैदान में थे और 739 केंद्रों पर मतदान हुआ था। इन चुनावों में 1,20,657 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र थे।
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स्थानीय अधिकारियों के निर्वाचन क्षेत्रों में मुरादाबाद–बिजनौर, रामपुर–बरेली, पीलीभीत–शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ–उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, फैजाबाद, बस्ती–सिद्धार्थनगर, गोरखपुर– महाराजगंज, देवरिया, आजमगढ़–मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी–जालौन–ललितपुर, कानपुर–फतेहपुर, इटावा–फरुखाबाद, आगरा–फिरोजाबाद, मेरठ–गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर–सहारनपुर में सीटों के लिए मतदान जारी है। ये सीटें राज्य के 58 जिलों में फैली हुई हैं।
आठ स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्रों– बदायूं, हरदोई, खीरी, मिर्जापुर–सोनभद्र, बांदा–हमीरपुर, अलीगढ़, बुलंदशहर और मथुरा–एटा–मैनपुरी से नौ विधान पार्षद निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। मथुरा–एटा–मैनपुरी स्थानीय प्राधिकरण के निर्वाचन क्षेत्र से दो एमएलसी निर्विरोध चुने गए, जबकि शेष निर्वाचन क्षेत्रों से एक–एक एमएलसी निर्विरोध चुने गए हैं।
100 सदस्यीय विधान परिषद में, बीजेपी के पास वर्तमान में 34 एमएलसी, समाजवादी पार्टी (सपा) के 17 और बहुजन समाज पार्टी के चार एमएलसी हैं। कांग्रेस, अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के सदन में एक–एक सदस्य हैं। शिक्षक समूह में दो एमएलसी हैं, जबकि स्वतंत्र समूह (निर्दल समूह) और निर्दलीय के पास एक–एक एमएलसी है। फिलहाल 38 सीटें खाली हैं।