(अवैस उस्मानी): दिल्ली दंगों में खजूरी खास इलाके में पथराव और दंगे से संबंधित एक मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने आप पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन समेत 10 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय किया। कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा कि सभी आरोपी हिंदुओं को निशाना बनाने की साजिश में शामिल थे और उनके ऐसे कृत्य स्पष्ट रूप से मुसलमानों और हिंदुओं के समुदायों के बीच सद्भाव खत्म करना था। उन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से सार्वजनिक शांति भंग की।
दिल्ली दंगो में खजूरी खास इलाके से जुड़े मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने मामले में ताहिर हुसैन, रियाज़ अली, गुलफाम, शाह आलम, राशिद सैफई,अरशद कय्यूम, लियाकत अली, मोहम्मद शादाब, मोहम्मद आबिद और इरशाद अहमद पर IPC की धारा 147,148, 153A, 323 और 395 के तहत आरोप तय किया। कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा कि ताहिर हुसैन के घर के बाहर सड़क पर भीड़ द्वारा पुलिस टीम पर किए गए पथराव के कारण, पुलिस अधिकारियों को अपनी जान बचाने के लिए कदम पीछे खींचने पड़े और जान बचाने के लिए पीछे हटना पड़ा।
कोर्ट ने कहा कि गवाहों के बयान से स्पष्ट है कि भीड़ हिंदुओं और उनके साथ घर को टारगेट कर फायरिंग , पत्थरबाज़ी और पेट्रोल बम फेंक रही थी। कोर्ट ने कहा ताबड़तोड़ फायरिंग से साफ है कि दंगाइ हिंदुओं की जान लेने पर आमादा थे। कोर्ट ने कहा कि ताहिर हुसैन के घर पर जो भीड़ जमा हुई उसमें कुछ लोग बंदूक, तेज़ाब, पेट्रोल बम से लैस थे। कोर्ट ने कहा भीड़ में मौजूद सभी हिंदुओं को मारना और ज़्यादा नुकसान पहुंचाना चाहता था। लिहाज़ा सभी के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला बनता है।
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कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा कि सभी आरोपी हिंदुओं को ज़्यादा से ज़्यादा नुकसान पहुंचाने और मारने के मकसद से काम कर रहे थे। कोर्ट ने कहा ताहिर हुसैन के घर पर जमा भीड़ का मकसद हिंदुओ को नुकसान पहुंचाना था। कोर्ट ने कहा कि दंगों में जिस तरह ताहिर हुसैन के घर को इस्तेमाल हुआ वह दर्शाता है कि एक सोची समझी साजिश के तहत हिंदुओं को नुकसान पहुंचा उनका मकसद था। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी मे कहा कि सभी आरोपी हिंदुओं को निशाना बनाने की साजिश में शामिल थे और उनके ऐसे कृत्य स्पष्ट रूप से मुसलमानों और हिंदुओं के समुदायों के बीच सद्भाव खत्म करना था। उन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से सार्वजनिक शांति भंग की।