(अवैस उस्मानी): उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर ऐक्ट 1986 की सवैंधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। याचिका में दावा किया कि पुलिस द्वारा गैंगस्टर अधिनियम का दुरुपयोग किया जा रहा है। याचिका में कहा कि गैंगस्टर अधिनियम और नियम आरोपी व्यक्तियों का कोई भेदभाव नहीं करता है। याचिका में एक केस होने पर गैंगस्टर एक्ट के तहत FIR दर्ज करने की वैधता को भी चुनौती दी गई थी। अनस चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में AOR अंसार अहमद चौधरी के ज़रिय याचिका दाखिल किया है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में गैंगस्टर ऐक्ट के तहत आरोपी की 60 दिन की पुलिस रिमांड देने के प्रावधान को भी चुनौती दी गई है। याचिका में आरोपी की संपत्ति को अधिग्रहण करने के पुलिस के अधिकार को भी चुनौती दी गई है। याचिका में कहा कि यूपी गैंगस्टर ऐक्ट के अधिनियम अनुच्छेद 14 की कसौटी पर पूरी तरह से विफल है। याचिका में कहा यूपी गैंगस्टर ऐक्ट कानून के शासन का अपमान है।
Read also: दिल्ली दंगों में कोर्ट ने आप नेता ताहिर हुसैन पर आरोप तय किया, कहा आरोपी हिंदुओं को निशाना बनाने की साजिश में शामिल थे
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर यूपी गैंगस्टर और एंटी सोशल एक्टिविटी ऐक्ट 1986 के प्रावधानों को चुनौती दी गई है। याचिका में यूपी गैंगस्टर ऐक्ट के सेक्शन 3,12, 14 को चुनौती दी गई। याचिका में यूपी गैंगस्टर ऐक्ट के 2021 के नियम 16(3),22,35,37(3) और 40 को चुनौती दी गई है। याचिका में दावा किया कि पुलिस द्वारा गैंगस्टर अधिनियम का दुरुपयोग किया जा रहा है, जो मनमाने ढंग से जिसके खिलाफ चाहें प्रावधानों को लागू करते हैं।
Top Hindi News, Latest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi Facebook, Delhi twitter and Also Haryana Facebook, Haryana Twitter.
