नई दिल्ली: चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखी है। वहीं, पिछले साल 27 जनवरी को भारत में कोरोना वायरस का पहला केस मिला था।
तब से लेकर अब तक इस खतरनाक वायरस की चपेट में देश के एक करोड़ से ज्यादा लोग आ चुके हैं। लेकिन अब अच्छी खबर आ गई है। भारतीय औषधि महानियंत्रक स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को लेकर अहम एलान किया है।
बता दें, अब तक देश में कोविशील्ड और कोवैक्सीन को आपात मंजूरी मिल चुकी है। DGCI ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह ऐलान किया कि देश में सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक की वैक्सीन को आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है।
DGCI के निदेशक वीजी सोमानी ने बताया कि 1 और 2 जनवरी को सबजेक्ट कमेटी ने बैठक की थी और दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने की सिफारिश की थी, जिसके बाद सीरम इंस्टिट्यूट के कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी मिल गई है।
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वहीं, इससे पहले शनिवार को यह खबर आई थी कि भारत बायोटेक की बनाई स्वदेशी कोरोना वैक्सीन ‘केंद्र’ को एक्सपर्ट्स कमेटी ने आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
हालांकि, इस पर DGCI की आखिरी मंजूरी मिलना बाकी है। वहीं, शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सटी और एस्ट्राजेनेका के साथ सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की बनाई कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी।
शनिवार को देशभर में चले ड्राई रन का जायजा लेने के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने भी यह बताया था कि पहले चरण में देशभर के करीब 3 करोड़ लोगों को मुफ्त कोरोना टीका लगाया जाएगा।
साथ ही, उन्होंने कहा था कि इसे मंजूरी देने से पहले किसी भी प्रोटोकॉल के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।वर्तमान में भारत में कोरोना की छह वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल जारी है।
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इनमें कोवीशिल्ड और कोवैक्सिन भी शामिल है। कोवीशिल्ड ऑस्ट्रॉक्सी वैक्सीन है, जिसे एस्ट्रजेनेका और पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित किया गया है।
कोवैक्सीन भारत की बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सहयोग से विकसित किया जा रहा स्वदेशी टीका है।
इन दोनों के अलावा, अहमदाबाद में कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड द्वारा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से ZyCOV-D को विकसित किया जा रहा है।
साथ ही NVX-CoV2373 को नोवामैक्स के सहयोग से सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित किया जा रहा है। दो अन्य टीके हैं, जिनमें से एक एमआईटी, यूएस के सहयोग से बायोलॉजिकल ई लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा निर्मित है।
दूसरा एचडीटी, यूएस के सहयोग से पुणे स्थित गेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है।
दोनों वैक्सीन के इमर्जेंसी इस्तेमाल को मंजूरी मिलने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि DCGI ने सीरम इंस्टिट्यूट के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है। भारत को बधाई। हमारे सभी मेहनती वैज्ञानिकों और इनोवेटर्स को बधाई।
A decisive turning point to strengthen a spirited fight!
DCGI granting approval to vaccines of @SerumInstIndia and @BharatBiotech accelerates the road to a healthier and COVID-free nation.
Congratulations India.
Congratulations to our hardworking scientists and innovators.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 3, 2021