पुराने वाहनों की ऑनलाइन खरीद-फरोख्त के बहाने लोगों को ठगने वाला गिरफ्तार

(अजित कुमार )-दक्षिण जिला पुलिस के ग्रेटर कैलाश थाने की टीम ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए जगमीत सिंह नाम के एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। जगमीत पर FIR नंबर 80005426/24, पीएस ग्रेटर कैलाश के तहत मामला दर्ज किया गया था। दरअसल पहाड़गंज के रहने वाले एक शिकायतकर्ता ने ग्रेटर कैलाश थाने में बताया कि वह अपने दोस्त के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (ओएलएक्स) के जरिए एसयूवी कार की तलाश कर रहे थे।
इसी बीच, ग्रेटर कैलाश-1, नई दिल्ली के एक व्यक्ति ने अपनी एसयूवी कार को OLX पर बिक्री के लिए पोस्ट कर दिया था। 23 दिसंबर, 2023 को शिकायतकर्ता को जगतर सिंह नाम के एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को मनप्रीत सिंह (कार के मालिक) का भाई बताते हुए एसयूवी कार बेचने के बारे में बताया।
शिकायतकर्ता को सी-ब्लॉक, जीके-आई में कार देखने के लिए कहा गया, जिसके अनुसार शिकायतकर्ता वहां गया और कार देखी। कार देखने के बाद शिकायतकर्ता ने इसे खरीदने के लिए सहमति जताई और असली मालिक मनप्रीत सिंह को 5000 रुपये टोकन मनी के रूप में दे दी। इसके बाद, जगतर द्वारा बताए और बताए अनुसार, शिकायतकर्ता को एसयूवी कार के लिए 11 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए मना लिया गया। शिकायतकर्ता ने अपने दोस्त से इन्हीं पैसों को आरोपी के खाते में ट्रांसफर करवा दिया।

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लेकिन जब शिकायतकर्ता एसयूवी कार लेने पहुंचा तो मालिक मनप्रीत सिंह ने बताया कि उसे उसके खाते में 11 लाख रुपये नहीं मिले हैं। शिकायतकर्ता ने जगतर सिंह से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसके बाद शिकायतकर्ता को एहसास हुआ कि उसे धोखा दिया गया है और उसने शिकायत दर्ज कराई। इस संबंध में पीएस ग्रेटर कैलाश में उचित धाराओं के तहत FIR नंबर 80005426/24 दर्ज किया गया और मामले की जांच शुरू की गई।
जांच के दौरान इंस्पेक्टर अजीत कुमार , SHO/ग्रेटर कैलाश के नेतृत्व में ASI प्रवीण, ASI मेजर हुसैन, ASI कमलेश, HC सुरेंद्र, HC सुनील, HC संदीप और सीटी सौरव की एक टीम का गठन किया गया।
जांच के दौरान टीम ने मोबाइल फोन कॉल और लेनदेन के विवरण एकत्र किए और उनका गहन विश्लेषण किया। इससे पता चला कि आरोपी ने बैंक खाता खोलने और मोबाइल फोन कनेक्शन खरीदने के लिए एक ही ID का इस्तेमाल किया था। बैंक लेनदेन के अन्य प्रासंगिक विवरणों का भी विस्तार से विश्लेषण और सत्यापन किया गया। जिसमें धोखाधड़ी की रकम जमा किए गए बैंक खाते के बयान का विश्लेषण करते हुए पाया गया कि यह गुरुग्राम शाखा में है, लेकिन रकम महिपालपुर, वसंत कुंज के ATM से निकाली गई थी। इसके बाद गुरुग्राम शाखा के बैंक खाते में 1,65,000 रुपये फ्रीज कर दिए गए। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है।

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