DANA CYCLONE : ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने जानकारी दी कि बालासोर और मयूरभंज जिलों के कुछ इलाकों में बाढ़ के बाद इवैक्वेशन ड्राइव शुरू की गई है।उन्होेंने कहा कि चक्रवात दाना की वजह से हुई बारिश के बाद बुधबलंग नदी में जल स्तर बढ़ने से कई इलाकों के जलमग्न होने का खतरा है।मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि बालासोर जिले के रेमुना और बालासोर सदर ब्लॉक की छह ग्राम पंचायतों के 20 गांव पहले से ही बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं।
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लोगों को सुरक्षित जगहों पहुंचाया- मयूरभंज जिले की सिमिलिपाल पहाड़ियों में तेज बारिश की वजह से बुधबलंग नदी में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है।स्थानों पर ले जाया जा रहा है अब तक रेमुना से 2,500 और बालासोर सदर से आठ हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है।जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मयूरभंज जिले के बेतानाटी ब्लॉक में बुधबलंग नदी के पास के गांवों को बाढ़ जैसे हालात का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उफनती नदी का पानी कई खेतों में घुस गया है।
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बारिश से गांवों भरा पानी- वहीं, भद्रक जिले के धामनगर इलाके में बारिश की वजह से कई गांवों में पानी भर गया है। भद्रक जिले में कपाली और रेबा नदियां उफान पर हैं और भद्रक-अरदी रोड पर तीन फीट से ऊपर पानी बह रहा है।जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर सी. एस. पाधी ने कहा कि बुधबलंग में जलस्तर खरते के निशान से ज्यादा नीचे नहीं है।मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ, अग्निशमन सेवा और पुलिस की बचाव टीमों के अलावा राज्य सरकार ने पंचायत पदाधिकारियों और अधिकारियों को भी इवैक्वेशन ड्राइव में लगाया है।
दूरसंचार सेवाएं बहाल- उन्होंने कहा, “सरकार लगातार बाढ़ की स्थिति पर नजर रख रही है और मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे घबराएं नहीं क्योंकि इससे निपटने के लिए सभी कोशिशें की जा रही हैं।उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में सड़क और दूरसंचार सेवाएं बहाल कर दी गई हैं, लेकिन कुछ लोगों को अभी भी बिजली आपूर्ति नहीं मिल पाई है क्योंकि दिन में तेज बारिश की वजह से बहाली के काम पर असर पड़ा था।मुख्यमंत्री ने कहा कि चक्रवात के दौरान कुल 8,09,513 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और उनमें से केवल 1,10,770 लोग अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं।उन्होंने कहा कि चक्रवात दाना ने करीब दो लाख एकड़ खेतों को नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, जैसे ही बारिश बंद होगी और गांवों से पानी कम होगा उसके बाद नुकसान का आकलन किया जाएगा।