नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): श्री चमकौर साहिब में आज पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने हैरीटेज स्ट्रीट दास्तां-ए-शहादत का उद्घाटन किया। इसे लगभग 55 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।
यहां प्रमुख रूप से श्री गुरु गोबिंद सिंह के बड़े शहजादों साहिबजाता अजीत सिंह और साहिब जादा जुझार सिंह की शहादत को एनिमेटेड फिल्मों के जरिये दर्शाया जाएगा। इसके अलावा अन्य सिख शूरवीरों का इतिहास भी कुल 11 गैलरियों के माध्यम से दर्शाया जाएगा।
राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने इस मौके पर दास्तां ए शहादत यादगार में बनाए गए विशालकाय खंडा साहिब के पास यादगारी तस्वीर भी खिंचवाई। उनके साथ मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा अन्य स्थानीय नेता मौजूद रहे।
सिख इतिहास और दशम गुरु गोबिंद सिंह के परिवार की बेमिसाल कुर्बानियों को जीवंत करते इस प्रोजेक्ट में विभिन्न गैलरी में बांटा गया है, हर एक गैलरी अपने आप में गौरवमई इतिहास संजोए हुए हैं इन गैलरी में यह इतिहास एनिमेशन फिल्मों के जरिए दिखाया जाएगा।
श्री गुरु गोविंद सिंह जी के बड़े साहिब जादे बाबा अजीत सिंह और बाबा जुझार सिंह जी की याद को यह प्रोजेक्ट समर्पित है।डेढ़ दशक से अधर में रुके इस प्रोजैक्ट को बतौर सैर सपाटा और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री रहते हुए चन्नी ने पूरा करने का बीड़ा उठाया था।
डोम नुमा पहली गैलरी में गुरु साहिबान के जीवन से वाकिफ करवाया जाएगा, दूसरी गैलरी में भाई जैता जी द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के शीश को लाने का सारा इतिहास दिखाया जाएगा।
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270 डिग्री स्क्रीन और आधारित तीसरी गैलरी में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन और इतिहास से संगत को वाकिफ करवाया जाएगा। जबकि टर्न टेबल पर बैठकर 360 डिग्री स्क्रीन संगत द्वारा देखी जाने वाली चौथी गैलरी में चमकौर की लड़ाई को बखूबी फिल्माया गया है।
पांचवीं गैलरी में छोटे साहिबजादे से संबंधित इतिहास और सरसा नदी पर अलग करने के पलों को शिद्दत से दिखाया जाएगा। छटी गैलरी में प्रोजैक्शन मैपिंग से छोटे साहिबजादे की आंखों को नम कर देने वाली अद्वितीय शहादत के दृश्य को बयान किया जाएगा।
सातवीं गैलरी में माछीवाड़े से संबंधित गुरु साहिब का इतिहास वर्णन किया गया है। आठवीं गैलरी में मुक्तसर की जंग और दशम गुरु द्वारा लिखे जफरनामे से संबंधित तथ्यों को संगत के समूह आधुनिक तकनीक से प्रसारित किया जाएगा।
नौवीं गैलरी से ग्यारहवीं गैलरी में गुरु साहिब की बंदा सिंह बहादुर से मुलाकात को दिखाया जाएगा। जबकि दसवीं गैलरी में बंदा सिंह बहादुर के नांदेड़ से पंजाब आने के तक के सफर को म्यूरलों द्वारा दिखाने के बाद आखिरी और ग्यारहवीं गैलरी में उसकी तरफ से मुगल राज की ईंट से ईंट खड़काने और फिर से सिख राज को स्थापित करने के दौर को दिखाया जाएगा।
थीम पार्क में दो स्टेनलैस स्टील की दस-दस मीटर ऊंची तलवारें और खंडे की स्थापना की गई है। 5 तांबे के घोड़े भी लगाए गए हैं, जिन पर सिख योद्धा सवार है।
खंडे की बात की जाए तो इस 10 मीटर ऊंचे खंडे पर आधारित एक अव्वल दर्जे का वाटर शो पेश किया जाएगा। जो एक गीत और आधारित है। और तो और यहां ही पांच तांबे के घोड़ों पर सवार यौद्धों का भी निर्माण बंगाल से आए कारीगरों द्वारा जंगी स्तर पर किया गया है।