(साहिल भांबरी): दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने अंतरराज्य ड्रग कार्टेल का खुलासा किया है। सेल ने मध्यप्रदेश के रहने वाले 2 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है साथ ही 4.2 किलो हेरोइन बारमद की है। जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 21 करोड़ रुपए आकि गई है।बारमद की गई ड्रग्स दिल्ली और करनाल मे सप्पलाई की जानी थी। तस्कर त्रिलोक चंद मध्यप्रदेश मंदसौर के किसानों से अफीम खरीद हेरोइन बनाता था।
स्पेशल सेल की गिरफ्त में आए शख्स नशे के सौदागर हैं जोकि इंटरस्टेट ड्रग सिंडिकेट में काम कर रहे थे। दोनों के नाम त्रिलोकचंद और लालचंद है दोनो मध्य प्रदेश मंदसौर के रहने वाले हैं। त्रिलोक चंद सिंडिकेट का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। दोनों ड्रग तस्कर एक बड़े कंसाइनमेंट के साथ दिल्ली पहुंचे थे। जहां पर सेल की टीम ने इनको गिरफ्तार कर लिया।
डीसीपी जसमीत सिंह और एसीपी अतर सिंह के मुताबिक इस गैंग के कुछ सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था जिनसे पूछताछ की गई और जानकरी के आधार पर ये सफलता हाथ लगी है। जानकारी मिली थी कि मध्य प्रदेश मंदसौर से दो व्यक्ति भारी मात्रा में हेरोइन को ISBT सराय काले खां पर आ रहे है। स्पेशल सेल ने सराय काले खां आईएसबीटी बस स्टैंड के पास शाम 6:00 बजे के आसपास ट्रैप लगाकर दोनो को गिरफ्तार कर लिया। बेग की तलाशी लेने पर 4 किलो 200 ग्राम फाइन क्वालिटी हीरोइन बरामद की गई। बरामद की गई ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 21 करोड़ रुपए है।
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पूछताछ में खुलासा हुआ ड्रग कंसाइनमेंट दिल्ली और करनाल में सप्लाई किया जाना था। लेकिन उससे पहले ही सप्पलायर को गिरफ्तार कर लिया। तिलोकचंद ने बताया मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसान अफीम की खेती करते हैं उन किसानों से अफीम को खरीदा करता था और कई अन्य सामान के साथ मिलाकर हीरोइन बनाई जाती थी। उसके बाद दिल्ली,हरियाणा पंजाब और यूपी में ड्रग्स की सप्लाई की जाती थी। त्रिलोक चंद 2004 में 1 किलो हेरोइन के साथ मुंबई में गिरफ्तार हुआ था जिसके बाद त्रिलोक को जेल भेज दिया गया। जेल से बाहर आने के बाद त्रिलोक चंद फिर से ड्रग तस्करी में संलिप्त हो गया। और अच्छा मुनाफा कमाने लगा।