दिल्ली: दिल वालों की दिल्ली कहीं जाने वाली देश की राजधानी, बीमार की कगार पर खड़ी है, बीते कई दिनों से दिल्ली वाले जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर है, एयर क्वालिटी इंडेक्स 342 दर्ज हुआ, जो बेहद ही खतरनाक माना जाता है, ऐसे वातावरण में हवा जहरीली हो जाती है और सांस लेना दुश्वार हो जाता है।
दिल्ली में प्रदूषण का केंद्र बनी हुई है, एयर क्वालिटी इंडेक्स कम होने का नाम नहीं ले रहा है, आज का AQI लेवल भी 300 कै उपर दर्ज हुआ, जो बेहद ही खतरनाक है, यह अनुमान लगाया जा रहा था, कि बारिश होने के बाद दिल्ली में वायु की गुणवत्ता सुधरेगी लेकिन दिल्ली की हवाई जहरीली जस की तस बनी हुई है, हवा में धुंध होने के कारण विजिबिलिटी भी बेहद कम दर्ज की जा रही है।
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यह दो लाइने जो शकील आज़मी है पर माई है आज की एचडी पर्व बिल्कुल सटीक बैठती है, धुआँ धुआँ है फ़ज़ा रौशनी बहुत कम है, सभी से प्यार करो ज़िंदगी बहुत कम है, प्रदूषण से जूझती हुई राजधानी में विशेषज्ञों का की माने तो जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर लोगों की उम्र अब दस से 12 साल कम हो रही है, यह सब हो रहा है, जब हम दिल्ली को लंदन बनाने का सपना देख रहे हैं, इसको लेकर भारत का उच्च न्यायालय भी चिंतित है।
दिल्ली की घुटतीं सांसो पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित हैं, वहीं अब सरकार द्वारा डीजल पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक और इसकी निगरानी के लिए टास्क फोर्स का गठन भी कर दिया गया है, उसके बाद भी पोलूशन में सुधार देखने को नहीं मिल रहा है, अब अगली सुनवाई 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में होनी है, तब तक देखा जाएगा कि क्या पोलूशन का स्तर कम होता है या फिर ऐसे ही बना रहता है ।