अमन पांडेय : बागेश्र्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर कथावाचक आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को आज पूरी दुनिया जानती है। लेकिन जितनी कम उम्र में उन्होंने प्रसिध्दी हासिल की उससे कहीं ज्यादा आलोचनाओं और विवादों का भी इनको सामना करना पड़ा। इन दिनों एक बार फिर से धीरेंद्र शास्त्री लगातार सुर्खीयों में बने हुए हैं। उनके ऊपर कई सारे आरोप भी लगे। अपने ऊपर लगे आरोपो पर सफाई देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हम अंधविश्वास नहीं फैला रहे। हम इस बात का दावा नहीं करते कि हम कोई समस्या दूर कर रहें हैं। मैने कभी नहीं कहा कि मैं भगवान हूं।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अनुच्छेद 25 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार है और उसी के तहत वह धर्म का प्रचार करते है। इसके बाद कथावाचक ने गुस्साते हुए कहा मैं संविधान को मानने वाला व्यक्ति हूं। अगर हनुमान भक्ति करना गुनाह है तो सभी हनुमान भक्तों पर एफआईआर होनी चाहिए, फिर सोच लो ये लोग तुम्हारा चेहरा कैसे लाल करते हैं।
धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगते रहते हैं कि वो संत होकर अभद्र भाषा बोलते है। इस पर बाबा ने कहा कि वे संत ही नहीं हैं तो फिर अभद्रता कैसी ?उन्होंने कहा कि हमारा डिस्क्लेमर है कि हम कोई संत नहीं हैं।
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अंधश्रध्दा उन्मूलन समिति ने लगाए हैं आरोप
धीरेंद्र शास्त्री की महाराष्ट्र के नागपुर में श्रीराम चरित्र चर्चा का आयोजन हुआ था। अंधश्रध्दा उन्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा था कि दिव्य दरबार और प्रेत दरबार की आड़ में जादू टोना को बढ़ावा दिया जा रहा है। देव धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने , धोखाधड़ी और शोषण भी किया जा रहा इसके बाद दावा किया है कि अंध श्रध्दा उन्मूलन समिति की वजह से दो दिन पहले ही यानी 11 जनवरी को ही धीरेंद्र शास्त्री की कथा संपन्न हो गई।बताया जा रहा कि जब समिति ने पुलिस ने से शिकायत की तो शास्त्री भाग निकले । समिति ने कहा कि बाबा के समर्थकों को यह बात पता चल गई कि महाराष्ट्र में जो अंधश्रध्दा विरोध कानून है , उसमें गिरफ्तारी हुई तो जमानत नहीं होगी, इसलिए बाबा ने पहले ही पैकअप कर लिया।
करीब एक हफ्ते की चुप्पी के बाद शास्त्री ने इस पर कहा मै नागपुर से नहीं भागा। यह सरासर झूठी बात है। हमने पहले ही बता दिया था कि 7 दिन का ही कार्यक्रम होगा। इसेक बाद उन्होंने कहा कि जब मैंने दिव्य दरबार लगाया था तब शिकायत लेकर क्यों नहीं आए ? ये छोटी मानसिकता के लोग हैं और हिंदू सनातन के विरोधी है।