(प्रदीप कुमार): हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने ग्राम पंचायतों के अधिकारों में की गई कटौती का मुद्दा उठाया है। राज्यसभा में इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की मांग करते हुए सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर से नोटिस दिया गया है। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसे लोकहित से जुड़ा महत्वपूर्ण विषय बताते हुए तत्काल चर्चा की मांग की है। नोटिस में सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने लिखा है कि माननीय सभापति महोदय, 73वें संविधान संशोधन के जरिए भारत के संविधान ने देश की पंचायतों को विकास करने के अधिकार दिये और समय-समय पर सरकारों ने इस व्यवस्था को मजबूत बनाया।
पंचायती राज में चुनाव की व्यवस्था होती है और जनता पंचायत व सरपंचों को चुनकर भेजती है। लेकिन, हरियाणा सरकार ने चुनी हुई ग्राम पंचायतों के अधिकार में कटौती वाली व्यवस्था लागू कर दी है। इससे पंचायतें अपने स्तर पर गली-नाली तक नहीं बनवा पायेंगी, जिससे गांव का विकास पूरी तरह ठप्प हो जायेगा और लोकतांत्रिक व्यवस्था तार-तार हो जाएगी।
इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आगे कहा कि ऐसा करके हरियाणा सरकार जनता द्वारा चुने हुए सरपंचों से गांव में विकास कार्य करवाने का अधिकार ही नहीं छीन रही, बल्कि उन्हें अफसरशाही के अधीन करना चाहती है। नोटिस में सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि हरियाणा सरकार के इस फैसले के खिलाफ और पंचायतों के अधिकार बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदेश भर में सरपंचों को सड़कों पर धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है। सदन में चर्चा की मांग करते हुए सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आगे लिखा है कि माननीय सभापति महोदय, मेरी आपके माध्यम से माननीय पंचायती राज मंत्री जी से माँग है कि इस अति महत्वपूर्ण विषय का संज्ञान लेकर जनता द्वारा चुने गये सरपंचों के अधिकार और उनके मान-सम्मान की रक्षा करें और हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई इस एकतरफ़ा व्यवस्था को वापस किया जाए।
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हालांकि राज्यसभा में आज गतिरोध के चलते सदन की कार्यवाही बाधित रही।इसी के साथ बजट सत्र के पहले चरण की कार्यवाही समाप्त हो गई है अब 13 मार्च को बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही शुरू होगी।