चरखी दादरी(प्रदीप साहू): आरटीआई एक्टिविस्ट जितेंद्र जटासरा को एक मामले में गिरफ्तार करने के बाद सोशल मीडिया पर हुई वायरल वीडियो पर सरकार ने संज्ञान लेते हुए बाढड़ा के तत्कालीन डीएसपी अनिल डुडी को सस्पेंड कर दिया है।
इस संबंध में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा सस्पेंड के आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश अनुसार निलंबन अवधि के दौरान डीजीपी कार्यालय उनका मुख्यालय रहेगा। वहीं, जिला पुलिस के अधिकारीइस संबंध में कुछ बोलने से बच रहे हैं।
आपको बता दें, रोहतक एसटीएफ की गोली लगने से दादरी निवासी बिंदर की मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल की गई थी, जिसमें पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए थे।
इस मामले में तत्कालीन दादरी एसपी के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने पर सिटी थाना में 22 अप्रैल को एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।
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इस मामले में पुलिस ने राहुल नामक शख्स को और फिर आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र जटासरा को गिरफ्तार किया था।
करीब 42 दिन बाद जितेंद्र जेल से बाहर आया था और उसके बाद उसने तत्कालीन बाढड़ा डीएसपी अनिल डूडी से मुलाकात की थी।
इस मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वायरल विडियो 13 मिनट 40 सैकेंड में एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने का कारण एसपी का दबाव बताया था।
वहीं, दूसरी ओर वीडियो वायरल होने के बाद तत्कालीन एसपी विनोद कुमार ने इसकी जांच रिपोर्ट तैयार करवाकर मुख्यालय भिजवाई थी।
आईटीआई एक्टिविस्ट जितेंद्र जटासरा ने बताया कि उस पर पुलिस ने झूठा केस दर्ज किया है, जिसके कारण उसको जेल जाना पड़ा और 42 दिन बाद जमानत मिली।
जेल से बाहर आने के बाद बाढड़ा के तत्कालीन डीएसपी से बात की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ था। डीएसपी द्वारा किए खलासे का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल करते हुए वीडियो के साथ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
सरकार ने वीडियो पर संज्ञान लेकर डीएसपी अनिल डुडी को सस्पेंड कर अच्छा किया है। इस मामले में लड़ाई लड़ते रहेंगे।
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