बढ़ती आबादी के बीच क्यों घट रहा पृथ्वी का वजन? कारण जानकर हो जाएंगे हैरान

Earth's Weight: Why is the Earth's weight decreasing amid increasing population? You will be surprised to know the reason, weight of the Earth,earth,much does earth weight, space, space agency, space, earth, population,weight, earth, space, space, agency, space agency, population, weight, how many planets in space, total weight of the earth, population, #earth, #earthweight, #space, #population, #spaceagency, #Gas, #scientist, #NASA, #research-Youtube-facebook-twitter-amazon-google-totaltv live, total news in hindi

Earth’s Weight: अंतरिक्ष के बारे में वैज्ञानिक आए दिन नए-नए खोज करते रहते हैं। इंसानों को हमेशा के अंतरिक्ष के बारे में जानने की प्रबल इच्छा रही है। वैसे तो अभी तक एक मात्र पृथ्वी ही ऐसी ग्रह है, जिस पर दुनिया बसी हुई है। लेकिन कुछ दिन पहले ही वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के अलावा मंगल ग्रह पर भी जीवन यापन करने के आसार व्यक्त किए हैं। लगातार शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के वजन को लेकर भी एक चौंकाने वाली जानकारी साझा की है। तो चलिए जानते हैं कि पृथ्वी की वजन कितना है और क्यों ये लगातार घटता जा रहा है।

Read Also: पांढुर्ना में बस पलटने से 3 लोगों की मौत, 41 घायल

ये तो आपको पता ही होगा कि अभी तक पृथ्वी पर ही जीव रहते हैं। लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा की वैज्ञानिक लगातार दूसरे ग्रहों पर भी जीवन की तलाश कर रहे हैं और अन्य ग्रहों पर जीवन संभव होने की संभावना भी जताई है। साथ ही अपने शोध में वैज्ञनिकों ने दूसरें ग्रहों पर एलियंस के होने की आशंका भी जताई है। लेकिन वैज्ञनिकों का अभी तक एलियंस से संपर्क नहीं हो पाया है।

पृथ्वी की वजन- आजकल के समय हर कोई अपना वजन नापता रहता है लेकिन क्या जिस ग्रह पर रह रहे हैं उसके वजन के बारे में जानते हैं? हम पृथ्वी के वजन की बात कर रहे हैं। जिस प्रकार देश दुनिया की आबादी बढ़ती जा रही है, उसे देखते हुए आपको लगेगा कि पृथ्वी का वजन भी बढ़ रहा होगा लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, पृथ्वी का वजन लगातार घटता ही जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि हाइड्रोजन और हीलियम जैसे तत्व पृथ्वी की ऊपरी परत से अंतरिक्ष में गायब हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप पिछले साल की अपेक्षा धरती का 96000 टन वजन घट गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी से बहुत सारी ऊर्जा रेडियोएक्टिव होकर अंतरिक्ष में चली गई है। इसके परिणामस्वरूप पिछले वर्ष धरती का वजन लगभग 7 मैट्रिक टन घट गया। वहीं, पृथ्वी पर हुए अंतरिक्ष अभियानों ने 1000 टन वजन कम किया है।

Read Also: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और ISRO प्रमुख एस.सोमनाथ ने मनाया ‘नेशनल स्पेस डे’

वहीं दूसरी तरफ, दूसरे ग्रहों से टूटकर पृथ्वी से चिपकने वाले हिस्से, जो धूल बन जाते हैं, लगातार पृथ्वी से चिपकते रहते हैं। वहीं बहुत से उल्का पिंड अंतरिक्ष से पृथ्वी पर आए हैं। कई तारे पृथ्वी के समुद्र में गिर गए हैं। इस प्रक्रिया से धरती का वजन 16000 टन बढ़ा है। लेकिन वैज्ञानिकों ने बताया कि इस पूरे कैलकुलेशन के बाद पिछले वर्ष 81000 टन पृथ्वी का वजन घट गया है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बताया है कि पृथ्वी का वजन 5.9722×1024 किलोग्राम, या लगभग 13.1 सेप्टिलियन पाउंड है। यह लगभग 4.8 बिलियन किलोग्राम के लगभग 13 क्वाड्रिलियन मिस्र के पिरामिड के बराबर है। अंतरिक्ष की धूल और हमारे वायुमंडल से निकलने वाली गैसों के कारण पृथ्वी के द्रव्यमान में कुछ बदलाव होता है लेकिन ये छोटे बदलाव अरबों वर्षों तक पृथ्वी पर कोई प्रभाव नहीं डालते। फिर भी लोगों का मानना है कि यह 60,000,000,000,000,000,000,000,000,000,000 है। इसके बावजूद, वैज्ञानिक अभी भी इस मुद्दे पर एकमत नहीं हैं।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates, Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *