नई दिल्ली: राज्यसभा सेवानिवृत्त हो रहे अपने 72 सदस्यों को आज विदाई दी गई है। इस मौके पर सदस्यों के साथ संसद में मौजूद सभापति एम वेंकैया नायडू तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं। सदन के नेता पीयूष गोयल और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी विदाई समारोह में शामिल हुए। राज्यसभा के सेवानिवृत्त सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, उप सभापति हरिवंश और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ फोटो खिंचवाई। जानकारी के अनुसार, सेवानिवृत्त सदस्यों में सात मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं।
अप्रैल में सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा, ए. के. एंटनी, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी, एम. सी. मैरी कॉम और स्वप्न दासगुप्ता शामिल हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, सुरेश प्रभु, एम. जे अकबर, जयराम रमेश, विवेक तन्खा, वी. विजयसाई रेड्डी का कार्यकाल जून में समाप्त होगा। जबकि जुलाई में सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों में पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी, पी. चिदंबरम, अंबिका सोनी, कपिल सिब्बल, सतीश चंद्र मिश्रा, संजय राउत, प्रफुल्ल पटेल और के. जे. अल्फोंस शामिल हैं। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को सदन में घोषणा की कि गुरुवार को सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं होगा लिया जाएगा ताकि विभिन्न दलों के नेता और सदस्य इस अवसर पर बोल सकें।
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फेयरवेल पर पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा, हमारे राज्यसभा सदस्यों के पास काफी अनुभव है। कई बार अनुभव की ताकत अकादमिक ज्ञान से ज्यादा होती है। मैं रिटायर होने वाले सदस्यों से कहूंगा कि वे ‘फिर आएं’, पीएम मोदी ने कहा, अनुभव से जो हासिल हुआ है, उसमें समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होते हैं। अनुभव का मिश्रण होने के कारण गलतियां कम से कम होती हैं। अनुभव का अपना एक महत्व होता है, जब ऐसे अनुभवी साथी सदन से जाते हैं तो बहुत बड़ी कमी सदन को, राष्ट्र को होती। पीएम मोदी ने कहा, आज जो साथी विदाई लेने वाले हैं, उनसे हम सब जो भी सीखे हैं। आज हम भी संकल्प करें कि उसमें से जो भी उत्तम और सर्वश्रेष्ठ हैं, उसको आगे बढ़ाने में इस सदन की पवित्र जगह का हम जरूर उपयोग करेंगे। जो देश की समृद्धि में काम आएगा। राज्यसभा सांसदों के फेयरवेल में पीएम मोदी ने कहा, ये आजादी का अमृत महोत्सव है। हमारे महापुरुषों ने देश के लिए बहुत कुछ दिया, अब देने की जिम्मेदारी हमारी है। अब आप खुले मन से एक बड़े मंच पर जाकर आजादी के अमृत महोत्सव के पर्व को माध्यम बनाकर प्रेरित करने में योगदान कर सकते हैं।