Schizophrenia: बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्हें पालतू जानवर पसंद होते हैं। कुछ लोग तो इस लिए भी पेट्स रखते हैं ताकि उनका ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड लेवल कंट्रोल में रहे। पालतू जानवरों में लोग कुत्ते, बिल्ली, खरगोश, आदि जानवरों को पसंद करते हैं लिए एक रिसर्च के अनुसार जिन लोगों को बिल्लीयां पसंद होती हैं और अगर वो बिल्ली पालते हैं तो उन्हें सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) नाम की मेंटल बीमारी का खतरा हो सकता है। अब ये सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) कौन सी बिमारी है, आइए जानते हैं।
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कैसे होता है इंसानों में सिजोफ्रेनिया की समस्या?
दरअसल, बिल्लीयों पर एक शोध किया गया, जिसमें ये पता चला कि बिल्लीयों के अंदर मेंटल डिसऑर्डर मौजूद होता है। जिस कारण बिल्ली पालने वाले लोगों को सिजोफ्रेनिया नाम की बिमारी का खतरा ज्यादा होता है। ये इसलिए होता है क्योंकि बिल्लीयों में टोक्सोप्लाज्मा गोंडी पैरासाइट होता है। बिल्लीयों के इंसानों के संपर्क में रहने से ये पैरासाइट इंसानों के शरीर में ट्रांसमिट हो सकता है और उनके शरीर में इंफेक्शन हो सकता है।
किन लोगों को होती है ये बिमारी ?
हालांकि सिजोफ्रेनिया एक मेंटल डिसऑर्डर होता है। ये हैजूसिनेशन, अव्यवस्थित सोच, ज्यादा कल्पना करना, अजीब व्यवहार है के कारण लोग इस बीमारी के शिकार होते हैं। लेकिन पालतू जानवरों को रखने वाले लोगों को इस बीमारी का ज्यादा खतरा होता है। लेकिन राहत की बात ये है कि ये बीमारी सिर्फ 1 प्रतिशत लोगों को ही प्रभावित करती है। इस बिमारी से ग्रशित लोग का ब्रेन प्रभावित हो जाता है साथ ही उस इंसान को अल्जाइमर जैसी परेशानी का खतरा भी बढ़ जाता है।
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कैसे करें बचाव ?
इस डिसऑर्डर से बचने के बचने के लिए पेट्स को छूने या उसके साथ खेलने के बाद हमेशा ही अपने हाथों को अच्छी तरह धोएं। पेट्स को खाना खिलाने या उनका बचा खाना हटाने के बाद भी अपने हाथ धोएं। पेट्स के घर यानी केज, टैंक, खिलौने, भोजन-पानी के बर्तन साफ करने या छूने पर भी हाथों की सफाई करें। पेट्स की सफाई या उन्हें नहलाने के बाद सफाई कर लें. उनके पूप या एनस को अगर छूते हैं तो हाथ को साबुन से अच्छी तरह धोएं। बिल्लियों को कच्चा या अधपका मांस खिलाने से बचें। उनके कूड़े वाले डिब्बे की रोजाना सफाई करें।