किसान आंदोलन: रास्ता खुलने की उम्मीद में खिले चेहरे

सोनीपत(सुनिल जिंदल): सोनीपत के 50 प्रतिशत नागरिकों की आजीविका दिल्ली पर आश्रित है। सालभर से सिंघू-कुंडली बॉर्डर बंद होने के कारण न केवल जी.टी. रोड के दोनों की दुकानें, मॉल्स बंद हो गए थे बल्कि कुंडली के उद्योग व व्यापार पूरी तरह से ठप हो गया था। यहां से करीब 5 हजार लोग कामधंधा ठप होने के कारण पलायन कर चुके थे।

यहां तक कि दिल्ली पर आश्रित कामकाजी लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट आन खड़ा हुआ था। अब जब आंदोलन वापसी की घोषणा के बाद बॉर्डर को खोलने की तैयारी हो चुकी है तो प्रभावित लोगों में एक बार फिर से काम धंधा मिलने की उम्मीद जाग उठी है। इसके अलावा ट्रांसपोर्टरों को भी राहत मिलेगी, क्योंकि लंबे फेर लगाकर उन्हें दिल्ली में आवागमन करना पड़ता था।

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कोरोनाकाल से बंद हुई ट्रेनें अभी तक भी पूरी तरह से चलनी शुरू नहीं हुई हैं जबकि बसों, कारों व अन्य वाहनों से लिंक मार्गों के जरिए दिल्ली आवागमन करना पड़ रहा है। बॉर्डर बंद होने के कारण रोजाना आवागमन में एक घंटे की बजाय 3 घंटे का समय लग रहा है और कई बार तो उससे भी ज्यादा समय जाम में फंसे रहना पड़ता है। इससे न केवल खर्च बढ़ गया बल्कि हादसे होने की आशंका भी बनी रही।

कुंडली व राई औद्योगिक क्षेत्रों के उद्योगपतियों ने किसान आंदोलन खत्म होने को बड़ी राहत बताया है। राई औद्योगिक एसोसिएशन के प्रमुख राकेश देवगन ने बताया कि सोनीपत जिले में उद्योगों को बड़ा झटका लगा है। कुंडली व अन्य जगहों से 25 प्रतिशत उद्योग पलायन कर चुके हैं। 30 हजार करोड़ से ज्यादा नुक्सान इंडस्ट्री व व्यापार जगत भुगत चुका है। अब जबकि किसान आंदोलन खत्म हो रहा है तो उद्योगों को फिर से पटरी पर लाया जा सकेगा। उन्होंने कहा इस संबंध में सरकार से राहत पैकेज भी मांगा है।

जी.टी. रोड बंद होने से जांटी कलां, कुंडली गांव के अलावा नाहरा व खरखौदा की ओर से लामपुर बॉर्डर से होकर दिल्ली पहुंचना हाेता है, जिसके कारण भारी वाहनों का दबाव लिंक मार्ग सहन नहीं कर पाए और शीघ्र ही बिखर गए। हालांकि, इन लिंक मार्गों की मरम्मत भी शुरू हुई लेकिन इसके बावजूद जाम से निजात नहीं मिली थी। वहीं, गांवों के भीतर से भारी वाहनों के गुजरने के कारण हर समय हादसे के खतरे की आशंका तो रहती ही है बल्कि धूल मिट्टी से ग्रामीणों का जीना भी मुश्किल रहा। अब ग्रामीणों को उम्मीद है कि शीघ्र ही मुख्य मार्ग खुलने के बाद उन्हें राहत मिलेगी।

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