Assam Flood: असम के सोनितपुर जिले के ढेकियाजुली क्षेत्र में चार दिन बाद बाढ़ के हालात में थोड़ा सुधार देखा गया है, लेकिन लोगों के घर अब भी पानी में डूबे हुए हैं। इसमें बोरछाला और बोरससिमोलु जैसे इलाके शामिल हैं।बाढ़ की वजह से खेती-किसानी पर बुरा असर पड़ा है। धान, मक्का और दाल जैसी फसलें बर्बाद हो गई हैं।
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असम में बुधवार को बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई। दो और लोगों की मौत होने से मरने वालों की संख्या बढ़ गई, जबकि 21 जिलों में प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर करीब 6.8 लाख हो गई है।राज्य में ब्रह्मपुत्र सहित नौ प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस बीच, गुवाहाटी स्थित क्षेत्रीय मौसम केंद्र ने राज्य के कुछ जगहों पर मूसलाधार बारिश की संभावना जताई है।
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असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बुधवार को सिलचर का दौरा कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कई राहत शिविरों का दौरा किया और बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलकर उनकी परेशानियों को समझने की कोशिश की।कछार जिले के कुल 146 गांव अब तक बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि बराक नदी का जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है, लेकिन जिले के कई इलाके अब भी पानी में डूबे हुए हैं।बाढ़ से बेघर हुए लोगों की मदद के लिए कछार जिले में 90 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां लगभग 18,000 बाढ़ प्रभावित लोग शरण लिए हुए हैं।
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