(अजय पाल)Nitish Sarkar Floor Test: बिहार में 12 फरवरी को नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार विश्वास मत हासिल करेगी। फ्लोर टेस्ट से पहले राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। इसी बीच रविवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्री विजय चौधरी के आवास पर जेडीयू विधानमंडल दल की अहम बैठक हुई। बता दें कि बिहार विधानसभा में विश्वास मत के लिए 24 घंटे से भी कम समय बचा है। ऐसे में बीजेपी विधायकों को सोमवार के शक्ति परीक्षण से पहले गया से वापस पटना बुला लिया गया है। सभी विधायकों को बसों से पटना लाया गया है। पिछले महीने जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना लिए थे।
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फ्लोर टेसट से पहले बिहार में हो गया खेला! – बिहार में विश्वास मत हासिल करने से पहले स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के पद पर बने रहने से जेडीयू और बीजेपी नेताओं के माथे पर शिकन है. अब संकेत ये मिल रहे हैं कल बहुमत साबित करने से पहले स्पीकर को पद से हटाने पर चर्चा हो सकती है. वही आरजेडी ने इस कोशिश को नाकाम करने के लिए संविधान का हवाला दे दिया और कहा ये मुमकिन नहीं है।सियासी हलचलों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में मंत्री और जेडीयू नेता विजय चौधरी के आवास पर विधायक दल के बैठक की। इस बैठक में 39 विधायक ही पहुंचे. जदयू के 6 विधायक नदारद रहे. जो 6 विधायक नहीं पहुंचे उनमें, संजीव सिंह, बीमा भारती, सुदर्शन, मनोज यादव, दिलीप राय, अमन हजारी का नाम सामने आया है.
जानें किस पार्टी के पास कितने विधायक? – नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के पास बीजेपी-जेडीयू के कुल 128 विधायकों का समर्थन है। 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है। जेडीयू के अलग होने के बाद महागठबंधन की ताकत घटकर 114 रह गई है। ऐसे में बिहार में बहुमत हासिल करने के लिए JDU को कोई दिक्कत तो नजर नहीं आ रही है, लेकिन जीतन राम मांझी की पार्टी और निर्दलीय के साथ-साथ जदयू के विधायक अगर पाला बदलते हैं तो फिर बिहार में नया सियासी संकट खड़ा हो सकता है।
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