भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने गुरुवार को संन्यास लेना का किया ऐलान। रानी के पिता ठेला खींचने का काम करते थे और वो अपने करियर के दौरान हरियाणा के एक छोटे से शहर से निकलकर लोगों के लिए प्रेरणा बनीं। रानी की अगुआई में भारत ने 2021 में टोक्यो खेलों के दौरान ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए चौथी पोजीशन हासिल की थी।
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रानी ने कहा कि बहुत ही दुखदायक खबर आई है कि हॉकी पूरी दुनिया पसंद करती है। कॉमनवेल्थ गेम्स भारत के सबसे पसंदीदा खेलों में से एक है। जब 2002 कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला हॉकी टीम ने स्वर्ण पदक जीता, तो इसने मुझे वास्तव में प्रेरित किया। आज बहुत से ऐसे बच्चे होंगे जो सोचते हैं कि वे 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स में खेलेंगे, ऐसा नहीं करना चाहिए, फेडरेशन को इन खेलों को शामिल करना चाहिए। लोग चार साल से खेलों का बेसब्री से इंतजार करते हैं।
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उन्होंने कहा यह भी कहा कि कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा हो गया। मुझे लगता है कि हॉकी इंडिया और बाकियों को खेलों में हॉकी को बाहर करने के इस फैसले के खिलाफ लड़ना चाहिए और उम्मीद है कि हमें कुछ सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
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