चरखी दादरी (प्रदीप साहू): किसानों को राहत पहुंचाने की नियत से लागू की गई चकबंदी योजना ने दादरी क्षेत्र के गांव बिंद्राबन के किसानों की जिंदगी बर्बाद कर दी है। ग्रामीणों ने एकजुट होते हुए प्रशासनिक द्वार पर पहुंचे और चकबंदी में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए समाधान की मांग उठाई। ग्रामीणों का आरोप है कि किस तरह उनके इलाके में चकबंदी के नाम पर सैकड़ों किसानों का वो हाल कर दिया गया कि किसान दर-दर भटक रहे हैं।
बता दें कि गांव बिंद्राबन के ग्रामीण बाढड़ा एसडीएम डा. विरेंद्र से मिले और उनको चकबंदी में खामियों को लेकर ज्ञापन सौंपा। जिसमें ग्रामीणों ने बताया कि विभागीय साठ-गांठ के चलते गांव के कुछ दबंग और प्रभावशाली लोगों ने मनमाने ढंग से किसानों की जमीन को अपने नाम करा लिया हैं। चकबंदी विभाग की लापरवाही के कारण भू-मालिकों को नहर के साथ लगती सिंचाई विभाग की जमीन पर कब्जा दे दिया गया। बाद में जब सिंचाई विभाग द्वारा वहां पैमाइश करवाकर निशानदेही की गई तो सिंचाई विभाग की जमीन निकली। जिससे ग्रामीणों की जमीन कम होने पर उनमें रोष बना हुआ है और वे विभाग से सही पैमाइश कर उनकी जमीन को पूरा करने की मांग कर रहे है। समस्या का समाधान नहीं होने पर ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे 334 बी को जाम करने का अल्टीमेटम दिया है।
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सरपंच प्रतिनिधि नफे सिंह, सुरेश कुमार, ओमप्रकाश, जयभगवान इत्यादि ने कहा कि चकबंदी विभाग द्वारा जो रिपोर्ट तैयार की गई है उसमें भी उन्होंने माना है कि जो सिंचाई विभाग की कुछ जमीन पर गलत तरीके से कब्जे दिए गए हैं। एसडीएम ने ग्रामीणों को जल्द समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों ने कहा कि वे अधिकारियों व विभाग के कार्यालय के चक्कर लगाकर थक चुके हैं यदि जल्द समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे सड़क मार्ग जाम करेंगे और एसडीएम कार्यालय के सामने भूख हड़ताल शुरू करेंगे।
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