नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गलवान घाटी की हिंसा में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को वीरता मेडल से सम्मानित किया।
इस दौरान लद्दाख में गलवान घाटी में ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के दौरान शहीद होने वाले कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी मां और पत्नी को पुरस्कार दिया।
राष्ट्रपति भवन में आज रक्षा अलंकरण समारोह में वीर सैनिकों को वीरता मेडल से नवाजा गया। महावीर चक्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है।
इसी के साथ गलवान घाटी में ऑपरेशन स्नो-लैपर्ड के दौरान चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में वीरगति को प्राप्त हुए पांच अन्य सैनिकों को वीर चक्र दिया गया।
ऑपरेशन स्नो लेपर्ड का हिस्सा रहे नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन (16 बिहार), हवलदार के पिलानी (81 फील्ड रेजीमेंट), नायक दीपक सिंह (आर्मी मेडिकल कोर-16 बिहार) और सिपाही गुरतेज सिंह (3 पंजाब) को भी वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
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पिछले साल जून में लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ गलवान घाटी में ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के दौरान हुई खूनी संघर्ष में देश के 20 जवान शहीद हो गए थे।
14-15 जून की आधी रात खूनी संघर्ष शुरू होने से पहले कर्नल संतोष बाबू ने चीनी सेना के साथ शांति स्थापित करने को लेकर कई दौर की बातचीत की थी।
लेकिन उनकी कोशिश कामयाब नहीं हो सकी।इसी बीच चीनी सैनिकों की ओर से उनके साथ हाथापाई की गई, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया।
इस संघर्ष के बाद दोनों तरफ से हिंसा शुरू हो गई, दोनों पक्षों की ओर से पत्थर और लाठी-डंडे तक चले। कई घंटे तक चले संघर्ष के बाद कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में आतंकवादी को मारने और दो अन्य को घायल करने के लिए 4 पैरा स्पेशल फोर्स के सूबेदार संजीव कुमार को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उनकी पत्नी को यह पुरस्कार दिया।
इससे पहले कल अलंकरण समारोह में विंग कमांडर अब ग्रुप कैप्टन अभिनंदन सहित अन्य वीर सैनिकों को बहादुरी मेडल से सम्मानित किया गया था।