भारत में बनी स्वदेशी वैक्सीन के लिए अच्छी खबर सामने आई है। इस वैक्सीन को बनाने वाली कंपनी भारत बोयोटेक को विश्व स्वास्थ्य संगठन की जल्द अनुमति मिल सकती है।
इस कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट ने भी काफी प्रभावित माना है और इसकी खूब तारीफ भी की है। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोवैक्सीन का थर्ड फेस का ट्रायल अच्छा रहा है।
जैसा कि कोवैक्सीन डब्ल्यूएचओ की मंजूरी का इंतजार कर रहा है, स्वामीनाथन ने बताया कि प्री-सबमिशन बैठक 23 जून को हुई थी और अब उसके ट्रायल के डेटा पैकेट को इकट्ठा किया जा रहा है।
कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने इसी साल इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए डब्ल्यूएचओ के पास मंजूरी के लिए भेजा था। कहा गया था कि वैक्सीन को जुलाई-सितंबर तक सूची में शामिल किया जा सकता है।
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बीते महीने डब्ल्यूएचओ और भारत बायोटेक के बीच एक प्री-सबमिशन बैठक हुई। एक बार भारत बायोटेक कोवैक्सीन के फेज-3 ट्रायल का पूरा डेटा जमा कर देता है, तो डोजियर पूरा हो जाएगा और फिर संगठन इसकी समीक्षा करेगा।
कंपनी को उम्मीद है कि कोवैक्सीन की आवेदन की समीक्षा प्रक्रिया एफिकेसी स्टडी डेटा के जमा किए जाने के बाद जुलाई में शुरू हो जाएगी।
कोरोना महामारी को लेकर खुलासा कोरोना वायरस को लेकर भोपाल एम्स की स्टडी में खुलासा हुआ है। ये महामारी फेफड़ों के अलावा शरीर के दूसरे अंगों को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है।
यह हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। भोपाल एम्स ने बताया कि इसे मेडिकल जर्नल में पब्लिश होने के लिए भी भेजा जाएगा।
देश में पहली बार भोपाल एम्स में हुए कोविड शवों के पोस्टमार्टम में जो रिपोर्ट सामने आई उसे जानकार आप हैरान रह जाएंगे।
भोपाल एम्स में कोरोना से मरे शवों की पंचनामा के बाद खुलासा हुआ है कि कोरोना वायरस ने ना सिर्फ फेफड़े बल्कि किडनी, ब्रेन, पैंक्रियाज, लिवर और हार्ट तक पहुंचकर अपना घातक असर दिखाया है।