( सत्यम कुशवाह )- देशभर में दीपावली के बाद मंगलवार को गोवर्धन पूजा धूमधाम के साथ की गई। घर हो या मंदिर हर जगह भगवान गोवर्धन की विधि-विधान के साथ पूजा की गई और उनको भोग लगाया गया। गोवर्धन पूजा को लेकर भी लोग काफी उत्साहित दिखाई दिए। हालांकि कई लोगों ने बीते दिन भी गोवर्धन पूजा कर ली थी।
आपको बता दें, दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। धर्मग्रंथों में ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने स्वर्ग के राजा देवराज इंद्र का घमंड तोड़ा था। मेघराज इंद्र के प्रकोप से लोगों की रक्षा करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छंगुल (कनिष्ठा) पर गोवर्धन पर्वत को सात दिनों तक धारण किया था। भगवान ने ये लीला कर लोगों को बड़ा संदेश देते हुए इंद्र के घमंड को चकनाचूर किया था। उसके बाद इंद्र ने अपने कृत्य के लिए भगवान श्री कृष्ण से क्षमा याचना की थी। लोगों का प्रकृति से रिश्ता ही इस पर्व का मुख्य संदेश है। इस दिन ही भगवान श्री कृष्ण को लोग गिरधर एवं गोवर्धनधारी कहकर संबोधित करने लगे और ये दिन त्योहार में तब्दील हो गया।
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दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा अर्थात् अन्नकूट का पर्व हरियाणा में भी मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान को स्थापित कर उनकी पूजा करके लंगर का प्रसाद बांटा गया। इस पर्व को अन्नकूट इसलिए कहते हैं कि इस दिन सभी अपने-अपने घरों से आटा, दाल, सब्जी, चावल और दूध लाते हैं, और फिर इसे आग पर पकाया जाता है। लोगों का प्रकृति से रिश्ता ही इस पर्व का मुख्य संदेश है।
यह प्रकृति और समाज का एक सामूहिक त्योहार है जिसे बड़े ही तरीके के साथ मनाया गया। अन्नकूट त्योहार पर अनेकों व्यंजनों के साथ स्पेशल कढ़ी बनाई गई। जिसका भोग ठाकुर जी को लगाकर प्रसाद वितरण किया गया। लोग इसको काफी पसंद करते है। हर बार यह गोवर्धन पर्व दिवाली के अगले दिन आता है लेकिन अबकी बार अमावस्या के कारण दीपावली के एक दिन छोड़कर आया है।
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